प्रादेशिक
उप्र : वित्तविहीन शिक्षकों ने वापस लिया आंदोलन
लखनऊ| मानदेय की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने जोरदार प्रदर्शन करने वाले वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बातचीत के बाद अपना आंदोलन वापस ले लिया। वार्ता के दौरान अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों के मानदेय के भुगतान की उचित व्यवस्था कराने की जवाबदेही तय करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन शिक्षकों के सभी भुगतान अब चेक के माध्यम से ही कराने की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
शासन की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों की समस्याओं पर विचार के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि आगामी बजट सत्र में वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय भुगतान के संबंध में सार्थक कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा है कि प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है और किसी भी परिस्थिति में शिक्षक एवं शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करेगी। मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों ने अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा की।
बैठक में माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली, प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार, एमएलसी संजय कुमार मिश्रा, उमेश द्विवेदी सहित वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक संघ के अन्य पदाधिकारी भी बातचीत के दौरान उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि मानदेय की मांग कर रहे वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने शुक्रवार को विधानभवन के सामने प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में सभी जिलों के शिक्षक शामिल हुए थे।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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