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उप्र विधानसभा में उठा सूखा, सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में कई अहम मुद्दे उठाए गए। सदन के भीतर एक तरफ जहां राज्य में सूखाग्रस्त इलाकों के किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे का मुद्दा उठा, वहीं दूसरी ओर सांप्रदायिक हिंसा और पश्चिमी उप्र में उच्च न्यायालय की नई पीठ की स्थापना को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक झोंक हुई।

इस दौरान राज्य सरकार ने कई मुद्दों पर अपनी तरफ से जवाब प्रस्तुत किए।

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान ये अहम मुद्दे उठाए गए।

राज्य में सूखाग्रस्त जिलों के बारे में विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा। सूखाग्रस्त जिलों में सरकार की ओर से किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि के बारे में सरकार ने कहा कि सभी सूखा प्रभावित जिलों में किसानों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से 4,819़ 49 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

सरकार की ओर से इस प्रश्न का जवाब देते हुए सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा केंद्र सरकार से 4819 करोड़ रुपये की मांग की गई है, लेकिन लगता है केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर संवेदनहीन हो चुकी है।

शिवपाल ने आरोप लगाया कि सरकार यदि किसानों के प्रति संवेदनशील होती तो अब तक यह धनराशि जारी हो गई होती।

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सतीश महाना ने सरकार से जानना चाहा कि अप्रैल 2014 से लेकर 25 अगस्त, 2014 तक प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की कितनी घटनाएं घटित हुईं और इसे रोकने के लिए सरकार ने क्या उपाय किए।

सरकार की ओर से इस प्रश्न का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने कहा कि सांप्रदायिक दंगों की रोकथाम के लिए योजनाबद्घ रूप से शासन द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की गई है।

आजम ने सदन को बताया कि सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए अराजक तत्वों की तत्काल गिरफ्तारी, शांति समितियों की बैठकें आयोजित करने जैसे कई कदम उठाए गए। इसके अलावा समय-समय पर त्यौहारों के मौके पर भी सरकार की तरफ से पार्याप्त कदम उठाए गए।

प्रश्नकाल के दौरान ही भाजपा के विधायक सुरेश राणा ने सूबे में आए दिन व्यापारियों की हो रही हत्या का मुद्दा भी उठाया। राणा ने सरकार से जानना चाहा कि क्या सरकार व्यापारियों से रंगदारी मांगने, हत्या तथा उत्पीड़न रोकने के लिए व्यापारी प्रकोष्ठ का गठन करेगी।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने कहा कि व्यापारियों के खिलाफ हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह गम्भीर है और जिलाधिकारियों द्वारा समय-समय पर इसे लेकर बैठकें भी की जाती हैं।

इन प्रमुख मुद्दों के अलावा पश्चिमी उप्र में उच्च न्यायालय की नई पीठ का मुद्दा भी सदन में उठा। सदन में विधायक दलवीर सिंह ने सरकार से पूछा कि क्या उच्च न्यायालय की नई पीठ पर सरकार विचार कर रही है।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने कहा कि देश के संविधान की सातवीं अनुसूची में इस बात की व्यवस्था की गई है कि उच्च न्यायालय की नई पीठ की स्थापना का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।

आजम ने कहा कि यदि केंद्र सरकार उप्र में उच्च न्यायालय की नई पीठ बनाने की घोषणा करती है तो राज्य सरकार उस पर तुरंत अमल करेगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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