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प्रादेशिक

उप्र : विपक्ष ने विधानसभा में फसल की बर्बादी का मुद्दा उठाया

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उपद्रव जैसा माहौल रहा। विपक्षी दलों ने भारी वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों की बर्बादी और किसानों की व्यथा का मुद्दा उठाया। विपक्ष के नेता और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने किसानों की व्यथा पर उदासीन रवैया अपनाने के लिए सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) की आलोचना की और मुद्दे पर सदन में बहस कराने की मांग की।

सभी विपक्षी पार्टियां-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और कांग्रेस ने तत्काल फैसला करने की एक साथ मांग रखी। विपक्षी नेताओं ने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार ने 2015-16 को किसान वर्ष घोषित करने का निश्चय किया है, बावजूद इसके किसानों की समस्याओं के प्रति उनका रवैया पूरी तरह उदासीन है। सदन में भाजपा नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि मौसम विभाग बीते कई दिनों से खराब मौसम का अनुमान व्यक्त कर रहा है, लेकिन बहरी सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, “हम किसानों के प्रति यह उदासीन रवैया बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को तत्काल किसानों के लिए वित्तीय मदद जारी करनी चाहिए, जिनके फसलों को नुकसान पहुंचा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र बुधवार की बैठक के बाद पांच से आठ फरवरी तक होली के त्योहार के अवसर पर स्थगित रहेगी। राज्य के कई हिस्सों में बीते दिनों हुई भारी वर्षा और ओलावृष्टि से गेंहू और आलू की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फसल की बर्बादी को लेकर सर्वेक्षण का आदेश जारी किया है। राजस्व विभाग से राज्य सरकार को इसका अनुमानित आंकड़ा सौंपने के लिए कहा गया है, जिसके आधार पर पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया की जाएगी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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