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नेशनल

उप्र : हाईस्कूल, इंटर परीक्षा परिणाम 9 जून को घोषित होंगे

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लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा का परिणाम नौ जून को घोषित किए जाएंगे। यह जानकारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम घोषित होने के 15 दिनों के भीतर ही अंकपत्रों एवं प्रमाणपत्रों को विद्यालयों तक पहुंच दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश लेने में कोई परेशानी न हो। इसके लिए विद्यार्थी अंकपत्र का विवरण नेट से डाउनलोड कर सकते हैं।

वर्मा के मुताबिक, इसके अलावा इस बार दो हजार से ज्यादा नकलची पकड़े गए हैं। परीक्षा के दौरान 600 से ज्यादा स्कूलों को ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया गया था। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रदेश के 257 केंद्रों पर 27 अप्रैल से शुरू होकर 15 दिनों में पूरा हो गया।

इस बार 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन करवाया गया है, जबकि कई जिलों के संदिग्ध परीक्षा केंद्रों की उत्तर पुस्तिकाओं की अलग से जांच करवाई गई है।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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