बिजनेस
उबर ने राईडशेयरिंग इंश्योरेंस प्रोग्राम किया लांच
नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)| उबर ने मंगलवार को भारत में ड्राईवर पार्टनर्स के लिए ड्राईव को आकर्षक बनाने के लिए देश का पहला राईडशेयरिंग इंश्योरेंस प्रोग्राम लांच किया। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के साथ साझेदारी में यह पॉलिसी ड्राईवर पार्टनर्स को उबर एप पर ऑनलाइन रहते हुए वाहन चलाते वक्त या ट्रिप के लिए तैयार होने पर रास्ते में या फिर उबर ट्रिप पर दुर्घटना की स्थिति में दुर्घटनावश मृत्यु या विकलांगता, हॉस्पिटलाईजेशन एवं आउटपेशेंट मेडिकल इलाज के लिए निशुल्क कवरेज प्रदान करती है।
उबर इंडिया के केंद्रीय परिचालन प्रमुख प्रदीप परमेश्वरन ने बताया, आज हमारे पास भारत में 450,000 से अधिक ड्राईवर हैं। ये कार्यक्रम और भागीदारी हमारे ड्राईवर्स को उबर चलाते हुए ‘अपनापन’ का अनुभव प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब हैं।
उन्होंने बताया कि कंपनी ने ड्राईवर पार्टनर्स को एक्सीडेंट इंश्योरेंस देने के लिए निजी क्षेत्र के प्रमुख नॉन-लाईफ इंश्योरर- आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के साथ साझेदारी की है। जिसके तहत 18 से 65 वर्ष की आयुवर्ग के ड्राईवर पार्टनर्स को उबर एप का उपयोग करते वक्त तथा यात्रा के लिए उपलब्ध होने पर, मार्ग में या फिर उबर की ट्रिप पर होने के दौरान दुर्घटनावश मृत्यु और विकलांगता, हॉस्पिटलाईजेशन तथा आउटपुट मेडिकल उपचार के लिए कवरेज प्रदान करता है। यह इंश्योरेंस कवर ड्राईवर पार्टनर्स को निशुल्क प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत किया गया कवर आज से प्रभावी होगा (29 अगस्त)। दिए जाने वाले कवरेज में मृत्यु की स्थिति में 5 लाख रु., स्थायी विकलांगता की स्थिति में 5 लाख रु. तक, हॉस्पिटलाईजेशन की स्थिति में 2 लाख रु. तक का कवरेज शामिल है, जिसमें आउटपेशेंट इलाज के लिए 50,000 रु. तक की सब-लिमिट तय की गई है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भार्गव दासगुप्ता ने बताया, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हमेशा से नॉन-लाईफ इंश्योरेंस समाधान पेश करने में सबसे आगे रहा है, जो बाजार की बदलती परिस्थितियों तथा विकसित होते ट्रेंड्स को संबोधित करता है।
इसके अलावा कंपनी ने कई नए कार्यक्रम लांच किए हैं। जिनमें ड्राईवर डेस्टिनेशन के तहत ड्राईवर दिन में दो बार अपने डेस्टिनेशन स्थापित कर सकते हैं और उबर उन्हें अपने रास्ते में पड़ने वाली ट्रिप के निवेदन भेजेगा, जिससे ड्राईवर की अनुपलब्धता और निरस्तीकरण की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी। उदाहरण के लिए यदि ड्राईवर कनॉट प्लेस डालता है और वो गुड़गांव में है, तो उसे उन्हीं राईड का निवेदन मिलेगा, जो गुड़गांव से सीपी जाने के लिए होंगी, उसे विपरीत दिशा में नहीं भेजा जाएगा।
वहीं, बैक-टू-बैक ट्रिप्स के तहत जब ड्राईवर की ट्रिप पूरी होने वाली होगी, तो उसे अपनी अगली ट्रिप का निवेदन मिलेगा। इससे ड्राईवर का खाली खड़े रहने का समय कम हो जाएगा और राईडर्स को जल्दी से जल्दी कार मिल सकेगी।
उबर ने एक ‘पॉज बटन’ पेश किया है, ताकि ड्राईवर पार्टनर भोजन, ईंधन भरवाने या फिर थोड़ी देर के लिए अवकाश ले सकें। हीट मैप ड्राईवर्स को अनुशंसित इलाके प्रदान करता है, जहां उन्हें उस स्थान की मांग व आपूर्ति के आधार पर अगली राईड प्राप्त करने की सर्वाधिक संभावना होती है। इसका मतलब है कि ट्रिप के लिए उन्हें कम इंतजार करना पड़ेगा और ईंधन की खपत भी कम होगी।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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