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एआई युग में वैश्विक मानक के विश्वविद्यालय ही विकास करेंगे : राजकुमार

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 दावोस, 23 जनवरी (आईएएनएस)| रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के युग में सिर्फ वैश्विक मानकों के विश्वविद्यालय समृद्ध होंगे, इसलिए उनको मल्टी-डिसीप्लीनरी (बहु-विधात्मक) बनने की जरूरत है, जहां सिर्फ विज्ञान की विधाओं को ही तवज्जो नहीं दिया जाए।

 यह बात भारत के एक विश्वविद्यालय के कुलपति ने यहां विश्व आर्थिक मंच पर ‘कैस्पियन वीक’ सम्मेलन के दौरान कही। जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के कुलपति सी. राजकुमार ने कहा, “रोबोटिक्स, मेगा-डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और तीव्र परिवर्तन के दौर में सिर्फ उन्हीं वैश्विक मानकों वाले विश्वविद्यालयों की ही समृद्धि होगी जिनमें नवाचार करने और महत्वपूर्ण ज्ञान व शोध समझने की क्षमता है।”

उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालयों के लिए बहुविधात्मक बनने की आवश्यकता है और वहां सिर्फ स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) पर ही नहीं, बल्कि मानविकी, सामाजिक विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।”

राजकुमार एक मात्र भारतीय विश्वविद्यालय के कुलपति हैं जिनको दावोस में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा, “विकासशील देशों में भारत और चीन ने विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों का निर्माण करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उच्च शिक्षा का भविष्य सार्वजनिक व निजी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों पर निर्भर है।”

‘परोपकार और उच्च शिक्षा : विश्वविद्यालयों के माध्यम से सूचना समाज के निर्माण का भारतीय अनुभव’ विषय पर एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीय प्राधिकरणों द्वारा निजी विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक रैंकिंग एजेंसियों द्वारा जेजीयू को विकासशील देशों में कॉरपोरेट फिलैंथ्रोपी (परोपकार) और निजी विश्वविद्यालयों के लिए संस्थागत उत्कृष्टता के मॉडल के रूप में पेश किया गया है।

प्रोफेसर कुमार ने कहा, “हमें अपने विश्वविद्यालयों को अधिक गंभीरता से लेने की जरूरत है। हमारे विश्वविद्यालयों को अधिक वित्तपोषण, संसाधान और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है।”

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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