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एएफसी एशियन कप से बड़ी सीख मिली : आशिक कुरुनियान

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 नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| एएफसी एशियन कप में दमदार शुरुआत के बावजूद नॉकआउट दौर में प्रवेश न कर पाने वाली भारतीय फुटबाल टीम के युवा खिलाड़ी आशिक कुरुनियान का कहना है कि इस टूर्नामेंट में खेलकर उन्होंने कई महत्वपूर्ण चीजें सीखीं।

 भारत ने पहले मैच में थाईलैंड को 4-1 से करारी शिकस्त देकर टूर्नामेंट का शानदार आगाज किया था लेकिन मेजबान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन के खिलाफ हार झेलने के बाद उसे एशियन कप से बाहर होना पड़ा।

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने कुरुनियान के हवाले से बताया, “वह हमारे लिए बड़ा टूर्नामेंट था और उसमें खेलने का हमारा अनुभव शानदार रहा। मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे तीनों मैच के शुरुआती 11 में शामिल किया गया जिससे मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई। हमें इस महाद्वीप के कुछ सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने का मौका मिला। हम सभी को बड़ी सीख मिली।”

कुरनियान ने माना कि बहरीन के खिलाफ हुआ ग्रुप स्तर का आखिरी मैच टीम के लिए सबसे मुश्किल था।

उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि बहरीन के खिलाफ हुआ मैच सबसे मुश्किल था। हमें गोल करने के बहुत कम मौके मिले और विपक्षी टीम डायरेक्ट फुटबाल खेल रही थी। उन्होंने शारीरिक शक्ति का भी बहुत उपयोग किया और मुकाबला हमारे लिए कठिन था।”

यह पूछे जान पर कि एशियन कप में भाग लेने से उन्हें भविष्य में कैसे मदद मिलेगी? कुरुनियान ने कहा, “टूर्नामेंट का स्तर बहुत ऊंचा था और तीनों विपक्षी टीमों के खिलाफ खेलना कठिन था। शीर्ष स्तरीय में खेलने का अनुभव शानदार रहा। मैं समझता हूं कि इस चुनौती के बाद मेरा खेल बेहतर हुआ है और अब हमें इसे यहां से आगे लेकर जाना है।”

भारत ने आठ वर्षो के लंबे अंतराल के बाद इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इससे पहले, टीम ने 2011 में इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था जिसमें उसे तीनों मैचों में हार झेलनी पड़ी थी।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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