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राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग असंवैधानिक : सर्वोच्च न्यायालय

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नई दिल्ली|सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में संविधान के 99वें संशोधन और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए इसे निरस्त कर दिया और उच्च न्यायालयों व सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए पुरानी कॉलेजियम प्रणाली को बहाल कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की संविधान पीठ ने एक ‘सामूहिक आदेश’ में कहा कि संविधान का 99वां संशोधन और एनजेएसी अधिनियम असंवैधानिक है।

न्यायालय ने कहा, “संविधान 99वां संशोधन अधिनियम, 2014 असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया जाता है और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014 असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया जाता है।”

गौरतलब है कि संविधान का 99वां संविधान संशोधन और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित 1993 की कॉलेजियम प्रणाली के स्थान पर लाया गया था।

न्यायालय ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों तथा न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों एवं न्यायाधीशों को एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानांतरण से संबंधित जो प्रणाली संविधान संशोधन से पहले मौजूद थी (जिसे कॉलेजियम प्रणाली कहा जाता है), उसे बहाल घोषित किया जाता है।”

सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सरकार के उस आग्रह को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1993 और 1998 में दिए गए फैसलों को पुनर्विचार के लिए एक वृहद पीठ के पास भेज दिया जाए, जिनके जरिए उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली लागू की गई थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने इस आदेश को पारित करने के बाद मामले में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता और बार से कॉलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए सुझाव मांगे हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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