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एनीमिया से जूझ रही हैं 40 फीसदी महिलाएं : एसआरएल सर्वे

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नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)| तेजी से बदलती जीवनशैली के कारण भारत में पुरुषों की तुलना में करीब 40 फीसदी महिलाएं एनीमिया से जूझ रही हैं। वहीं महिलाओं की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक पुरुष असामान्य शुगर स्तर से पीड़ित हैं। एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। संस्था ने निवारक स्वास्थ्य जांच की जरूरत पर जोर दिया है। करीब 80 फीसदी लोगों में विटामिन डी के स्तर में कमी पाई गई। महिलाओं में विटामिन डी की अधिक कमी थी जबकि पुरुषों में विटामिन डी की पर्याप्त नहीं थी।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक पाया गया। महिलाओं की तुलना में पुरुष में सर्वाधिक अव्यवस्थित एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड स्तर था।

लगभग 38 फीसदी महिलाओं में पुरुषों (16 फीसदी) के मुकाबले एनीमिया के मामले अधिक थे। 61 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में एनीमिया से पीड़ित होने की अधिक संभावना थी।

करीब 20 फीसदी व्यक्ति डायबेटिक या प्री डायबेटिक पाए गए। महिलाओं की तुलना में (17.36 फीसदी) पुरुष में अधिक असामान्य शर्करा स्तर (20.82 फीसदी) दिखा।

आरएंडडी, एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के सलाहकार और मेंटॉर-डॉ. बी आर दास ने कहा, यह परिणाम निवारक स्वास्थ्य जांच के महत्व और नैदानिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों के बीच बढ़ती जागरूकता को उजागर करते हैं। चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, बहुत सी बीमारियों का ठीक और शीघ्र निदान किया जा सकता है।

एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के सीईओ अरिंदम हल्दर ने कहा, हर व्यक्ति की पहुंच सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक होनी चाहिए। हमें बायोमेडिकल और संचार प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में प्रगति कर सकें।

महिलाओं की तुलना में (77 फीसदी) पुरुषों में विटामिन डी स्तर (80 फीसदी) कम था।

महिलाओं की तुलना में (27.85 फीसदी) पुरुषों (33.88 फीसदी) में विटामिन बी 12 का असामान्य स्तर अधिक था।

यह आंकड़ा 2015-17 के दौरान भारत में तीन लाख पुरुषों और महिलाओं पर किए गए सर्वे पर आधारित है।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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