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बिजनेस

एयरटेल की तिकोना डिजिटल से पांच सर्किल 1600 करोड़ में खरीदने की डील सील

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नई दिल्ली। भारती एयरटेल ने गुरुवार को कहा कि उसने तिकोना डिजिटल नेटवर्क के साथ उसके 4जी कारोबार को खरीदने का समझौता किया है। इसके तहत तिकोना के पांच टेलीकॉम सर्किल में ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) स्पेक्ट्रम और 350 साइटों को एयरटेल 1,600 करोड़ रुपये में खरीदेगी।

एयरटेल ने एक बयान में कहा, “तिकोना का फिलहाल गुजरात, यूपी (पूर्व), यूपी (पश्चिम), राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सर्किल में 2,300 मेगाहर्टज बैंड में 20 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम है। एयरटेल की योजना इनका अधिग्रहण कर इन इलाकों में 4जी सेवा मुहैया कराने की है।”

यह अधिग्रहण हालांकि नियामकों की मंजूरी पर निर्भर करता है। भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत और दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने कहा, “एयरटेल का जोर अपनी 4जी क्षमता को बढ़ाने पर है। इसलिए हम तिकोना का 4जी कारोबार खरीद रहे हैं। इससे हमें ग्राहकों को बेजोड़ हाईस्पीड ब्राडबैंड अनुभव प्रदान करने में मदद मिलेगी।”

बयान में आगे कहा गया कि पांच सर्किलों में तिकोना के 4जी कारोबार के अधिग्रहण के बाद एयरटेल का उन पांच सर्किलों में स्पेक्ट्रम सरकार द्वारा निर्धारित होल्डिंग सीमा के अंदर ही रहेगा।

इस सौदे से एयरटेल को राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बेहतर 4जी सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी तथा अखिल भारतीय स्तर पर भी 4 जी सेवाएं मुहैया कराने के लिए पांव पसारने में मदद मिलेगी।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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