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मुख्य समाचार

एस्सेल ग्रुप का ‘एस्सेल मल्टी कैप फंड’ 2 जुलाई को बंद होगा

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मुंबई/नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)| अमेरिकी कंपनी एस्सेल ग्रुप की सहयोगी सहायक निजी वित्तीय सेवाएं प्रदान करनेवाली भारतीय कंपनी एस्सेल फाइनेंस मैनेजमेंट (ईएफएम) की म्यूचुअल फंड (एमएफ) शाखा ने सोमवार को ‘एस्सेल मल्टी कैप फंड’ लांच किया है, जो एस्सेल ब्रांड के तहत पहला इक्विटी फंड है। न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) सब्सक्रिप्शन के लिए 18 जून को खुल गया है, यह 2 जुलाई को बंद हो जाएगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह फंड ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम के तहत जारी किया गया है। ओपन एंडेड स्कीम के तहत जारी होने वाले फंड्स की रोजाना के आधार पर खरीद-बिक्री की जा सकती है। इनका कोई तय मैच्योरिटी पीरियड नहीं होता है।

एस्सेल म्यूचुअल फंड के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव शास्त्री ने कहा, हमने नाम बदलने के बाद एस्सेल म्यूचुअल फंड में अपने एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) को लगभग तीन गुना तक बढ़ा दिया है। हमारा लक्ष्य अगले 12 महीनों में करीब 10,000 करोड़ रुपये का एयूएम हासिल करना है। इसे हासिल करने के लिए हम इस साल चार से पांच न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) जारी करने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही हम अपने मौजूदा फंड्स का एयूएम भी बढ़ाएंगे। हमारा नया मल्टी कैंप फंड इस साल का दूसरा एनएफओ है, जिसे कंपनी ने जारी किया है।

कंपनी ने बताया कि यह योजना निवेश के टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये को अपनाएगी। इससे उद्योगों, क्षेत्रों और बाजार के पूंजीकरण में विविधता आएगी। योजना में निवेश पर जोर भविष्य में विकास की संभावनाओं वाली अच्छी कॉरपोरेट मैनेजमेंट की कंपनियों की पहचान करना है। योजना में अनिवार्य रूप से दीर्घकालीन अवधि में लाभ देने वाले बुनियादी सिद्धांतों वाले शेयरों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

शास्त्री ने कहा, हमारे पहले एनएफओ के लिए देश के 170 शहरों के करीब 15,000 आवेदन आए। इसी के साथ हमारे एनएफओ को काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। हम दोनों मोर्चो पर अच्छी परफॉर्मेस का भरोसा है और हम अपने आईएफओ नेटवर्क को मजबूत करने का भी प्रयास कर रहे हैं।

एस्सेल म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी विराल बेरावाला ने कहा, अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदने की रणनीति से लंबे समय में तुलनात्मक जोखिम पर बेहतर रिटर्न मिलते हैं। बाजार की मौजूदा रणनीति और वर्गीकरण के नए मानदंडों के मद्देनजर भारतीय शेयर बाजार में भागीदारी करने की यह बिल्कुल उचित और कारगर रणनीति है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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