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बिजनेस

ऑनर ने 11,999 रुपये का ‘हॉली 4’ स्मार्टफोन पेश किया

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नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| चीनी स्मार्टफोन निर्माता हुवेई की सब-ब्रांड ऑनर ने मंगलवार को सस्ता फोन ‘हॉली 4’ पेश की, जिसकी कीमत भारत में 11,999 रुपये है। इसमें 13 एमपी प्राइमरी और पांच एमपी फ्रंट कैमरा है। यह फोन कंपनी के 30,000 रिटेल दुकानों में ग्रे, गोल्ड और सिल्वर रंगों में उपलब्ध है।

हुवेई कंज्यूमर बिजनेस ग्रुप इंडिया के उपाध्यक्ष पी. संजीव ने कहा, फोन को खूबसूरत मेटालिक डिजाइन के साथ फास्ट फिंगरप्रिंट के साथ पेश किया गया है। हमें पूरा विश्वास है कि यह स्मार्टफोन उपभोक्ताओं को पसंद आएगा।

यह डिवाइस 8.2 एमएम स्लीम है, जिसमें फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है। इससे कई टास्क किए जा सकते हैं, जैसे फोटो से ब्राउजिंग करना, फोन पिक करना और तस्वीरें लेना।

इसमें 3,020 एमएएच की बैट्री, क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 430 ओक्टा-कोर 64 बिट का प्रोसेसर, पांच इंच एचडी डिस्प्ले, तीन जीबी रैम और 32 जीबी इंटरनल स्टोरेज है, जिसे 128 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है।

फोन में अलग-अलग कैमरा मोड फीचर हैं, जैसे टाइमलैप्स, स्लो मोशन, प्रो वीडियो और प्रो पिक्चर।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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