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ऑरेकल भारत में पहला डेटा सेंटर इसी साल लांच करेगी

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 नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| भारत में बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई), दूरसंचार और विनिर्माण क्षेत्रों में डेटा की उच्च मांग से उत्साहित क्लाउड दिग्ज ऑरेकल ने इस साल भारत में अपना पहला डेटा सेंटर लांच करने की तैयारी की है।

 कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि डेटा सेंटर के मुंबई में लांच किए जाने की योजना है, जिससे ऑरेकल को अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस), गूगल क्लाउड प्लेटफार्म (जीसीपी) और माइक्रोसॉफ्ट अजूरे को टक्कर देने में मदद मिले, जिनका भारतीय बाजार में पहले से ही महत्वपूर्ण मौजूदगी है।

ऑरेकल डेटाबेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष एंड्रयू मेंडेलसन ने कहा, “हम भारत के लिए बहुत बड़ी संभावनाएं देखते हैं, जो वर्तमान में राजस्व के संदर्भ में हमारे लिए दुनिया का छठा सबसे बड़ा देश है। यही कारण है कि हम यहां क्लाउड के लिए एक डेटा सेंटर का निर्माण कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि जैसे-जैसे हमारा कारोबार यहां बढ़ेगा, हम और भी अधिक डेटा सेंटर खोलेंगे।”

शुरुआत में डेटा सेंटर पर प्लेटफार्म-ऐज-ए-सर्विस (पीएएएस) और इंफ्रास्ट्रक्चर सॉफ्टवेयर-ऐज-ए-सर्विस (सास) की सेवाएं दी जाएंगी, जबकि ऑरेकल क्लाउड इंफ्रास्ट्रकचर पर सॉफ्टवेयर-ऐज-ए-सर्विस (एसएएएस) का परीक्षण चल रहा है। इनके अलावा और भी कई सेवाओं के साथ इसे ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

ऑरेकल इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक शैलेंद्र कुमार ने कहा, “हम वैश्विक स्तर पर ग्राहकों के लिए अपने उद्यम क्लाउड लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्राहक और साझेदार की मांग को पूरा करने के लिए हमारे सह-संस्थापक, कार्यकारी अध्यक्ष और सीटीओ लैरी एलिसन ने सैन फ्रांसिस्को में ‘ऑरेकल ओपनवर्ल्ड 2018’ में ऑरेकल की अगली पीढ़ी के डेटा सेंटर्स का रोडमैप पेश किया था।”

उन्होंने कहा, “हमारे पास कई ग्राहक और साझेदार हैं, जो हमारे जेन 2 (दूसरी पीढ़ी के) क्लाउड पर अपने व्यापारिक अनुप्रयोग चलाना चाहते हैं। ऑरेकल अपने ग्राहकों और देश में तेजी से बढ़ते क्लाउड व्यापार का समर्थन करने के लिए भारत सहित कई देशों में अतिरिक्त क्षेत्र खोलेगा।”

कुमार ने कहा कि आज, भारत में हर बैंक, बीमा और दूरसंचार कंपनियां ऑरेकल डेटाबेस का उपयोग कर रहे हैं।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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