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अन्तर्राष्ट्रीय

ओबामाकेयर रद्द करने वाला विधेयक अमेरिकी सीनेट में खारिज

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वाशिंगटन, 28 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिकी सीनेट (संसद) ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाले मतदान में ओबामा केयर रद्द करने वाले विधेयक को खारिज कर दिया, जो न सिर्फ रिपब्लिकन नेताओं की जबरदस्त हार है, बल्कि इस स्वास्थ्य देखभाल कानून को रद्द करने के उनके सात वर्षो के प्रयास पर पानी फिर गया है। द हिल पत्रिका की रपट के मुताबिक, सीनेट ने ‘कमजोर’ विधेयक को 49 के मुकाबले 51 मतों से खारिज कर दिया।

प्रस्तावित हेल्थ केयर फ्रीडम एक्ट को हराने में एरिजोना से रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन का मत निर्णायक रहा। इसके विरोध में माइंस से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर सुसान कोलिंस तथा अलस्का की लिसा मुरकोवस्की ने भी अपना मत दिया।

पॉलिटिको न्यूज के मुताबिक, मैक्केन ने सीनेट चैंबर छोड़ने के बाद कहा, एक सीनेटर के रूप में मैंने अपना कर्तव्य निभाया।

मैक्केन ने कहा कि उन्होंने ओबामाकेयर रद्द करने वाले विधेयक के विरोध में मतदान किया, क्योंकि उन्होंने सोचा कि यह सही मतदान होगा और उन्होंने ऐसा इसलिए भी किया, क्योंकि सरकार की तरफ से ओबामाकेयर से अच्छा कुछ पेश नहीं किया गया है।

सीनेट के पटल से अपने भाषण में सीनेट में बहुमत के नेता रिपब्लिकन मिच मैक्कोनेल ने कहा, यह आगे बढ़ने का वक्त है।

उन्होंने कहा, अमेरिकी लोगों के लिए हमने जो भी करने का प्रयास किया, वह देश के लिए सही चीज थी।

मैक्कोनेल ने कहा, मुझे लगता है कि अमेरिकी लोग इस बात पर खेद जताने जा रहे हैं कि हम आगे बढ़ने का कोई और तरीका नहीं ढूंढ़ सकें।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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