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प्रादेशिक

ओमान में अवैध रूप से रह रहे भारतीय होंगे लाभान्वित

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तिरुवनंतपुरम। ओमान द्वारा घोषित की गई माफी योजना से लगभग 60 हजार भारतीयों को लाभ मिल सकता है, जिसके तहत वैध दस्तावेज नहीं होने की स्थिति में लोग बिना किसी जुर्माने के अपने देश लौट सकते हैं या वे अपने दस्तावेजों में सुधार करा सकते हैं। प्रवासी मामलों के विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी। ओमान सरकार ने सोमवार को इस योजना की घोषणा की। यह योजना तीन मई से 30 जुलाई तक रहेगी।

सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टीज के प्रवासी विभाग के प्रमुख एस. इरुदयाराजन ने बताया कि ओमान में चार लाख भारतीय हैं, जिनमें से 1.89 केरल के निवासी हैं। इरुदयाराजन ने कहा, “ओमान में रह रहे भारतीयों में से लगभग 15 प्रतिशत के पास कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। यह उन लोगों के लिए सही समय है, जिनके पास उचित दस्तावेज नहीं है, वे या तो उनमें सुधार कर सकते हैं या वापस घर लौट सकते हैं। उन्होंने कहा कि सूत्रों के मुताबिक, इसी तरह की एक योजना बहरीन में भी घोषित हुई थी।

इरुदयाराजन ने कहा कि हमने प्रशासन से कई अनुग्रह किए कि मध्य पूर्व देशों में रोजगार करने का फैसला कर चुके भारतीयों को पूर्व प्रस्थान प्रशिक्षण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं है, वे श्रमिक हैं, जो काम करने के लिए कामगार वीजा हासिल करने के लिए लगभग एक लाख रुपये तक का भुगतान करते हैं।

इरुदयाराजन के मुताबिक, “कई बार कुछ लोग दुर्भाग्यशाली होते हैं कि उन्हें रोजगार और तय किया गया वेतन नहीं मिलता। इसके बाद उनकी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। सामान्य रूप से दो या तीन सालों की अवधि के बाद अनुबंध सीमा की समाप्ति के बाद वे गैरकानूनी रूप से वहां काम करते हैं।” के.सी. जकारिया और इरुदयाराजन द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययन से पता चला है कि 2014 में यहां केरल के प्रवासियों की संख्या 23.63 लाख थी, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत केरल के प्रवासी लोग विभिन्न मध्य पूर्व देशों में रह रहे थे। केरल के प्रवासी मामलों के मंत्री के.सी.जोसेफ ने बताया कि उन्होंने माफी योजना के बारे में सुना है और वे भारत लौटने के इच्छुक व्यक्तियों की मदद के लिए केरल के कई संगठनों के संपर्क में हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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