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ओला-हरियाणा सरकार में समझौता, 35 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

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चंडीगढ़, 15 जुलाई (आईएएनएस)| हरियाणा सरकार के नियोजन विभाग और राइड-शेयरिंग कंपनी ओला के बीच रविवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ है।

इस एमओयू का उद्देश्य राज्य में 35,000 उद्यमिता अवसरों का सृजन करना है। एमओयू को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ‘सक्षम हरियाणा’ पहल के हिस्से, ‘सक्षम सारथी’ के शुभारंभ पर निष्पादित किया गया। ‘सक्षम हरियाणा’ को पिछले साल की शुरुआत में विभिन्न कौशल विकास पहल के द्वारा राज्य के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आरंभ किया गया था।

यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, उद्योग, वाणिज्य, पर्यावरण एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री विपुल गोयल की उपस्थिति में ओला के निदेशक प्रणव मेहता तथा हरियाणा सरकार के श्रम एवं नियोजन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नायब सैनी ने एमओयू को स्वीकार किए। यह एमओयू राज्य के युवाओं के लिए 2 लाख नौकरियों के सृजन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को बल देने के प्रति ओला की वचनबद्धता का प्रमाण है।

इस अवसर पर श्रम मंत्री नायब सैनी ने कहा, सरकार ने सरकारी तथा निजी क्षेत्र में नौकरियों और स्वरोजगार के माध्यम से राज्य में दो लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ‘सक्षम सारथी’ के सहारे सरकार को राज्य में युवाओं को उद्यमिता की राह पर उनकी सहायता करने में आसानी होगी।

कौशल विकास एवं उद्योग मंत्री विपुल गोयल कहा, हमें मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दो लाख रोजगार के अवसरों का लक्ष्य हासिल करने का पूरा विश्वास है। हम सरकार की दृष्टि और मिशन में सहयोग करने के लिए ओला के कदम की सराहना करते हैं।

ओला के निदेशक प्रणव मेहता ने कहा, हरियाणा हमारे लिए एक प्रमुख बाजार है। हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकुला आदि जैसे शहरों का हमारे विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। ‘सक्षम हरियाणा’ जैसे प्रयासों का राज्य के सकल विकास में बड़ा योगदान होता है और इस प्रक्रिया में युवाओं के लिए हजारों की संख्या में उद्यमशील अवसर भी पैदा होते हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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