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और गहराया विवाद, टाटा संस ने मिस्त्री पर जड़ा गलत जानकारियां देने का आरोप

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ratan-tata-cyrus-mistryमुंबई। टाटा संस ने अपने पूर्व अध्यक्ष सायरस मिस्त्री पर एक नया गोला दागा है। टाटा संस ने रविवार को आरोप लगाया कि रतन टाटा के उत्तराधिकारी चुनने के लिए गठित चयन समिति को मिस्त्री ने गलत जानकारियां दी थीं। साथ ही कहा है कि मिस्त्री अपना वादा नहीं निभा पाए। उनके रवैए ने समूह का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दीं।

टाटा संस ने एक बयान में कहा है, सायरस मिस्त्री ने टाटा समूह के लिए अपनी शानदार योजनाओं को लेकर बयानों के जरिए वर्ष 2011 में गठित चयन समिति को गुमराह किया। इसमें और महत्वपूर्ण यह है कि तब टाटा समूह के प्रबंधन के लिए एक सुपरिष्कृत प्रबंधन ढांचा तैयार करने का भी संकेत दिया था।

कहा गया है, चार साल तक इंतजार करने के बाद इन प्रबंधन ढांचे और योजनाओं के लिए लगभग कोई प्रयास नहीं किया गया। इसलिए स्पष्ट रूप से हम लोगों की राय में चयन समिति मिस्त्री को अपनी पसंद लेकर गुमराह हुआ।

टाटाज ने आगे आरोप यह लगाया है कि इसके पूर्व अध्यक्ष ने अपने पारिवारिक उपक्रम शपूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी से दूरी नहीं रखी, जैसा कि उन्होंने वादा किया था। कंपनी ने कहा है कि लाभांश की आय से (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज छोडक़र) लगातार इनकार किया जाता रहा और कर्मचारी पर खर्च मिस्त्री के टाटा समूह के अध्यक्ष के कार्यकाल में दोगुने से भी अधिक हो गइ। मिस्त्री 2012 के दिसंबर में इस समूह के अध्यक्ष बने थे।

टाटा संस ने कहा है कि वह मिस्त्री को अध्यक्ष और टाटा समूह की सभी कंपनियों के निदेशक पद से अंशधारकों की असामान्य बैठक बुलाकर हटाने के लिए मजबूर है। यह बैठक इसी माह बाद में होनी तय है। करीब चार साल पद पर रहने के बाद 24 अक्टूबर को टाटा संस के अध्यक्ष पद से मिस्त्री को हटाए जाने के बाद से एक कारपोरेट युद्ध बढ़ता ही जा रहा है। रतन टाटा को फिर से अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

टाटा संस ने मिस्त्री को काम करने के लिए पूरी स्वतंत्रता दे देने पर प्रबंधन ढांचे को कमजोर करने के लिए उसका लाभ उठाने और धीरे-धीरे अधिकारों और शक्तियों पर ध्यान केंद्रित कर लेने और टाटा संस का बोर्डो में प्रतिनिधित्व कमजोर करने का भी आरोप लगाया है।

बयान में कहा गया है, मिस्त्री का यह दावा कि उन्हें खुली छूट नहीं दी गई, विडंबना यह है कि हमारी नजर में यह खुली छूट और उन पर भरोसा ही है जिसका उन्होंने लाभ उठाया। कहा गया है कि मिस्त्री ने धीरे-धीरे पिछले तीन-चार सालों में टाटा द्वारा संचालित लगभग सभी प्रमुख कंपनियों के बोर्ड के अधिकार और शक्तियां टाटा संस का प्रतिनिधित्व कमजोर कर अध्यक्ष के रूप में केवल अपने हाथ में कर लिए।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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