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बिजनेस

कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल एयरलाइन के लिए बेहतर : एयर इंडिया सीएमडी

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नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)| कच्चे तेल की कीमतें अगर 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हो तो यह एयर इंडिया को प्राप्त होने वाले राजस्व के लिए ‘आदर्श’ स्तर है। विमानन कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप सिंह खरोला ने यह बातें कही।

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और एयर इंडिया पर इसके प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर खरोला ने आईएएनएस को बताया, मैं मानता हूं कि अगर कच्चे तेल की कीमत 60-65 रुपये प्रति बैरल के दायरे में रहेगी, तो यह एयरलाइन के लिए अच्छा रहेगा।

उन्होंने यहां कंपनी के मुख्यालय एयरलाइन हाउस में कहा, इस सीमा से ऊपर जाने पर जाहिर है कि हमारा मुनाफा प्रभावित होगा।

वैश्विक स्तर पर कई कारकों के कारण कच्चे तेल की कीमतें तीन साल के उच्चतम स्तर पर हैं, जिनमें उत्पादन में कटौती और मांग में वृद्धि प्रमुख है। 18 जनवरी 2018 को कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी है।

नए सीएमडी ने कहा कि साल-दर-साल आधार पर अप्रैल-दिसंबर (2017) की अवधि के दौरान एयरलाइन के राजस्व में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है।

हाल ही में, संसद को यह सूचित किया गया कि एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2017-18 में 3,579 करोड़ रुपये का नुकसान (बजट अनुमान के हिसाब से) होने की संभावना है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में एयरलाइन को कुल 3,643 करोड़ रुपये (अनंतिम) का नुकसान हुआ था।

वहीं, दूसरी तरफ एयरलाइन ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में उसका परिचालन मुनाफा 531 करोड़ रुपये (अनुमानित) रहेगा, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह 215 करोड़ रुपये था।

एयर इंडिया फिलहाल 50,000 करोड़ रुपये के भारी-भरकम कर्ज के बोझ में दबी है। वित्त वर्ष 2015-16 में कंपनी का परिचालन मुनाफा 105 करोड़ रुपये रहा था, जबकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने इसमें सुधार का अनुमान लगाया है।

खरोला के मुताबिक, एयरलाइन बिजनेस क्लास खंड पर जोर देकर अपना राजस्व बढ़ाएगी। इसके तहत बिजनेस क्लास के ग्राहकों को बढ़िया भोजन और बढ़िया सेवा मुहैया कराई जाएगी।

खरोला ने बताया कि कंपनी कई नई अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं शुरू करेगी, जिसमें नई दिल्ली-लॉस एंजेलिस फ्लाइट अगले दो-तीन महीनों में शुरू हो जाएगी और ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

एयर इंडिया के विनिवेश प्रक्रिया को लेकर खरोला ने कहा कि उन्हें एयर लाइन की दक्षता बढ़ाने और लागत घटाने का काम सौंपा गया है। हालांकि वे कर्मचारियों की हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।

एयर इंडिया के कुल 11,000 कर्मचारी हैं तथा समूह की सहयोगी कंपनियों को मिलाकर कर्मचारियों की संख्या 20,000 है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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