Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

कर्नाटक : क्या स्त्री शक्ति तय करेगी अगली सरकार किसकी?

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)| कर्नाटक के सियासी दलों की किस्मत का फैसला 12 मई को करने वालों में बड़ी तादाद महिलाओं की होगी, जो महिला सुरक्षा के मुद्दे पर तमाम दलों की नजरअंदाजी को ध्यान में रखकर मतदान केंद्रों की ओर कूच करेंगी। कहा जा रहा है कि इस बार बागलकोट सहित कई शहरों की महिलाएं बड़ी संख्या में ‘नोटा’ का बटन दबाकर राजनीतिक दलों की उदासीनता का जवाब दे सकती हैं।

कर्नाटक में महिला मतदाताओं की संख्या 49 फीसदी है, इसके बावजूद इस बार चुनावों में महिला सुरक्षा संबंधी मुद्दों को खास तवज्जो नहीं दी गई। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2.44 करोड़ हो गई है।

महिलाओं को लेकर राजनीतिक पार्टियां कितनी गंभीर हैं, यह इन पार्टियों द्वारा महिला उम्मीदवारों को किए गए टिकट आवंटन से पता चलता है। कांग्रेस ने चुनाव में अपने कुल 226 उम्मीदवारों में से 16 महिलाओं को टिकट दिया है, तो भाजपा ने सिर्फ छह महिलाओं को टिकट देकर खानापूर्ति की है। जेडी-एस ने भी 126 उम्मीदवारों में से चार महिलाओं को टिकट देकर नारी-सम्मान दिखाया है।

बीते कुछ वर्षो में कर्नाटक में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीबी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में बेंगलुरू का स्थान तीसरा है। यहां 2016 में महिला अपराधों की संख्या 3,412 थी, जो 2017 में बढ़कर 3,531 हो गई।

कर्नाटक में भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख भारती शेट्टी कहती हैं, भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं को खास तवज्जो दी गई है। बीपीएल परिवारों की सभी परिवारों को नि:शुल्क स्मार्टफोन, दो लाख रुपये तक के कर्ज पर एक फीसदी ब्याज दर, भाग्यलक्ष्मी योजना, गरीब परिवारों की विवाहिता को तीन ग्राम सोने का मंगलसूत्र देने जैसी तमाम घोषणाएं महिलाओं के लिए की गई हैं।

इसके जवाब में एनसीडब्ल्यू की सामाजिक कार्यकर्ता स्मिता झा कहती हैं, सिर्फ सीसीटीवी कैमरे लगा देने और तीन ग्राम का सोने का मंगलसूत्र देकर आप महिलाओं को सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं कर सकते। दरअसल, महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त करने में सरकार की कथनी और करनी में फर्क रहा है। इसीलिए कहा जा रहा है कि बागलकोट और इसके आसपास के शहरों में महिलाएं नोटा का बटन दबाकर अपना विरोध दर्ज करने की तैयारी कर रही हैं।

भाजपा की ही तर्ज पर कांग्रेस भी महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर बने रहने का दंभ भर रही है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पुलिस में महिलाओं की संख्या 33 फीसदी बढ़ाने का वादा किया है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी कहती हैं, कांग्रेस शुरू से ही महिला सुरक्षा को लेकर जागरूक रही है। कांग्रेस पार्टी ने सबसे अधिक 16 महिलाओं को चुनाव में टिकट दिया है। पार्टी राज्य में दोबारा सत्ता में आने पर पुलिसबल में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के वादे को पूरा करेगी, जो मुझे लगता है कि महिला सुरक्षा की दिशा में बहुत बड़ा कदम होगा।

महिलाओं को लेकर राजनीतिक दलों के उदासीन रवैये का चुनाव परिणामों पर क्या असर होगा, यह तो 15 मई को जब मतपेटियां खुलेंगी तब पता चलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला स्त्री-शक्ति करेगी?

Continue Reading

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending