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कर्नाटक चुनाव : प्रभु की तीसरी बार औरद सीट बचाने की चुनौती

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नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)| कर्नाटक के औरद विधानसभा क्षेत्र को उत्तर कर्नाटक का प्रवेशद्वार माना जाता है।

यहां सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार विजय कुमार का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रभु बी. चव्हाण से है। चव्हाण वर्ष 2008 और 2013 में इस सीट से जीत चुके हैं। उनके सामने तीसरी बार अपनी सीट बचाने की चुनौती है। इनसे पहले, यहां पांच बार कांग्रेस जीत चुकी है।

कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र संख्या-52 यानी औरद वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। बीदर जिले औरद क्षेत्र को ‘अमरेश्वर के घर’ के रूप में जाना जाता है। यहां 10वीं शताब्दी में अमरेश्वर का मंदिर बनवाया गया था। गोदावरी की सहायक नदी मंजरा औरद निर्वाचन क्षेत्र से होकर बहती है।

इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 148 गांव और 177 ठंडस आते हैं। जनगणना-2011 के आंकड़ों के मुताबिक, औरद शहर की साक्षरता दर 71.58 फीसदी है जो राज्य की औसत दर 75.36 फीसदी से काफी कम है। औरद में पुरुष साक्षरता दर लगभग 79.78 फीसदी है, जबकि महिला साक्षरता दर 63.15 फीसदी है।

पिछले 11 विधानसभा चुनावों में यहां पांच बार (1967, 1972, 1978, 1983 और 2004) कांग्रेस ने बाजी मारी है, तो वहीं तीन बार (1999, 2008 और 2013) में भाजपा ने कब्जा जमाया है। इसके अलावा 1985 में जनता पार्टी और 1989 व 1994 में जनता दल (सेक्युलर) ने जीत दर्ज की है।

अनुसूचित जाति (एससी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होने के बाद वर्ष 2008 से औरद निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का गढ़ बन गया। भाजपा नेता प्रभु बी. चव्हाण ने लगातार 2008 और 2013 विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर पार्टी को यहां मजबूत किया है। उन्होंने 2013 चुनाव में औरद निर्वाचन क्षेत्र से 47.8 9 फीसदी मतों के साथ 61,826 वोट हासिल किए थे और कर्नाटक जनता पक्ष के धनजी भीमा जाधव को 23,191 मतों से हराया था।

पेशे के ठेकेदार चव्हाण ने कर्नाटक के औरद निर्वाचन क्षेत्र में 2008 का चुनाव लड़ने से पहले छह साल तक ठाणे भाजपा इकाई के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। च्वहाण का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब वह 24 मई 2016 को कर्नाटक विधानसभा में कार्यवाही के दौरान प्रियंका गांधी की तस्वीर पर जूम करते हुए दिखाई दिए थे। इसके बाद सदन में काफी हंगामा हुआ था और कांग्रेस विधायकों ने अध्यक्ष से उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की थी। बाद में विधायक ने इस कृत्य के लिए माफी मांग ली थी।

औरद क्षेत्र में बड़ी संख्या में मराठी भाषी लोग रहते हैं। इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने औरद से अपने उम्मीदवार विजय कुमार को एक बार मैदान में उतारा है। विजय कुमार से पहले जनता दल के नेता और दो बार के विधायक गुरुपादप्पा नगमरपल्ली ने कांग्रेस के टिकट पर 2004 में चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।

दिग्गज नेता गुरुपादप्पा नगमरपल्ली का वर्ष 2015 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इसके बाद कांग्रेस के पास इस क्षेत्र में कोई खासा बड़ा चेहरा नहीं रहा।

वहीं जनता दल (सेक्युलर) ने पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे केजेपी के उम्मीदवार धनजी भीमा जाधव को अपना उम्मीदवार बनाया है। केजेपी के भाजपा में विलय हो जाने के बाद धनजी को जेडी (एस) ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

इसके अलावा भारतीय बहुजन क्रांति दल के आनंद, सर्व जनता पार्टी के दिलीप कुमार, ऑल इंडिया महिला इंपॉवरमेंट पार्टी के प्रमोद कुमार, शिवसेना के रोशन और दो निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पहले ही जेडी (एस) को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुका है।

कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए राज्य में 56,696 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिसमें 4,96,82,357 (4.96 करोड़) मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करेंगे। मतदान 12 मई को होगा और मतगणना 15 मई को होगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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