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कर्नाटक : मंगलुरु के एक गिरजाघर में तोड़फोड़
मैंगलोर | कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थिति एक गिरजाघर में कुछ अराजक तत्वों ने पथराव किया। पुलिस ने बुधवार को मामले की जानकारी दी। राज्य के एक मंत्री ने कहा कि कुछ अराजक तत्वों ने एक समुदाय विशेष के लोगों में असुरक्षा एवं भय पैदा करने के उद्देश्य से इस घटना को अंजाम दिया।
मंगलुरु पुलिस आयुक्त एस. मुरुगन ने कहा, “घटना मंगलवार देर रात अथवा बुधवार तड़के की है। इसके कारण सेंट जोसफ वाज प्रार्थना हॉल की खिड़कियों के शीशे टूट गए। यह शरारती तत्वों का काम है।” गिरजाघर के पादरी की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस प्रमुख ने कहा कि यह घटना गिरजाघर पर हमला नहीं थी। उन्होंने कहा कि मदर मैरी और शिशु यीशु की तस्वीरें सही सलामत हैं और प्रार्थना सभागार और इसके भीतर की किसी अन्य वस्तु को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा है। मुरुगन ने कहा, “मामले की जांच और आरोपियों की पहचान के लिए हमने एक दल गठित किया है, जिन्होंने अंधेरे में प्रार्थना सभागार की खिड़कियों को नुकसान पहुंचाया है।”
गिरजाघर एक कब्रिस्तान से सटा हुआ है। यह शहर से 15 किलोमीटर दूर कम आबादी वाले क्षेत्र में स्थित है। उन्होंने कहा, “हमने पादरी को आदेश दिया है कि वह गिरजाघर के चारों ओर लाइटें लगाए और सुरक्षा के लिए एक चौकीदार रखे।” इससे पहले दिन में कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री यू.टी. खादर ने कहा था कि गिरजाघर पर कुछ ‘अराजक तत्वों’ ने हमला किया। मंत्री ने बुधवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। खादर ने आईएएनएस को बताया, “कुछ अराजक तत्वों ने एक समुदाय विशेष के लोगों में असुरक्षा एवं भय पैदा करने के उद्देश्य से गिरजाघर पर पत्थर फेंके और इसके शीशे तोड़ दिए।”
मंत्री ने कहा कि घटनास्थल पर सिगरेट के जले टुकड़े मिले हैं। उन्होंने संकेत दिया कि अराजक तत्वों का यह समूह बहुत छोटा रहा होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस दोषियों की तलाश कर रही है और इस अभियान में नागरिक भी मदद कर रहे हैं। खादर ने कहा, “यह अच्छे समाज और बुरे समाज का मामला है। पूरा 90 फीसदी अच्छा समाज उनके (अराजक तत्वों) खिलाफ है।” खादर ने कहा कि यह गिरजाघर 250 साल पुराना है और कब्रिस्तान की बगल में स्थित है। इसका 10-15 साल पहले सौंदर्यीकरण किया गया था।
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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