प्रादेशिक
कर्मचारी संगठनों की मांगों पर कार्यवाही सुनिश्चित करें अधिकारी : आलोक रंजन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने समस्त प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी संगठनों की मांगों पर नियमित रूप से बैठकें आयोजित कर सेवा संवर्गों की समस्याओं एवं कठिनाईयों के सम्बन्ध में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुये उनका निराकरण नियमानुसार कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने तथा शासकीय दायित्वों का निर्वहन बिना किसी तनाव संपादन कराने हेतु उनकी समस्याओं का निस्तारण त्वरित गति से कराए जाएं।
उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक प्रकरणों को लम्बित रखना स्वस्थ कार्मिक नीति के अनुकूल नहीं है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जनपद स्तर पर सम्बन्धित विभाग के जनपदीय वरिष्ठ अधिकारी तथा मण्डल स्तर पर सम्बन्धित विभाग के मण्डलीय वरिष्ठतम अधिकारी प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक बार अपने विभाग से सम्बन्धित सेवा संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं और उनकी कठिनाइयों पर विस्तृत चर्चा कर यथासंभव निस्तारण अपने स्तर पर सुनिश्चित करायें अथवा निस्तारण हेतु उच्च अधिकारियों को अवगत करायें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सेवा संगठनों की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रथम बैठक आगामी 15 अगस्त के पूर्व प्रमुख सचिव/सचिव, विभागाध्यक्ष तथा मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी अपने स्तर पर अवश्य कर बैठक का कार्यवृत प्रमुख सचिव कार्मिक को नियमित रूप से उपलब्ध करायें।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश परिपत्र भेजकर प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सेवा संवर्ग की समस्याओं/कठिनाईयों, जिनका निराकरण स्थानीय स्तर पर या विभागाध्यक्ष स्तर पर हो सकता है, उनका उसी स्तर पर त्वरित निस्तारण किया जाय ताकि सम्बंधित समस्या उच्च स्तर पर प्रस्तुत न हो सके विषम स्थिति में जिन समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर अथवा विभागाध्यक्ष स्तर पर नहीं हो सकता है तो उन्हें शासन स्तर पर संदर्भित किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि समस्याओं के निस्तारण की दिशा में की गयी कृत कार्यवाही का विवरण सम्बन्धित जनपद/मण्डल स्तरीय अधिकारियों को अपने वरिष्ठ अधिकारी तथा विभागाध्यक्ष को अवश्य प्रस्तुत करना होगा।
मुख्य सचिव रंजन ने विभागाध्यक्षों को भी निर्देश दिये हैं कि प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक बार वे भी अपने विभाग के प्रदेश स्तरीय सेवा संगठनों के अधिकृत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर प्रदेश स्तरीय समस्याओं एवं कठिनाइयों का समयबद्ध तरीके से निराकरण नियमानुसार सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि ऐसी समस्यायें अथवा कठिनाइयाँ, जिनका निराकर शासन स्तर पर ही संभव हो, ऐसे प्रकरणों को सम्बन्धित विभाग के प्रमुख सचिवों/सचिवों को संदर्भित कराया जाये। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग के प्रमुख सचिवों/सचिवों को भी प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक बार अपने स्तर पर संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर प्रकरणों का निस्तारण नियमानुसार कराना सुनिश्चित करायें।
मुख्य सचिव ने अपने परिपत्र में निर्देश दिये हैं कि सेवा संवर्गों की समस्याओं/कठिनाइयों के सम्बन्ध में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुये उनके निराकरण हेतु प्रत्येक स्तर पर प्रयास सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहा कि समस्याओं का निस्तारण जिस स्तर पर संभव हो, उस स्तर पर नियमानुसार यथाशीघ्र सुनिश्चित कराना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा संवर्गों की समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से कराने हेतु हम सभी का प्रयास होना चाहिये, जिससे कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं एवं कार्यक्रमों में सरकारी कमियों को पूरा योगदान प्राप्त हो तथा हमारी नीति ऐसी हो कि इनका मनोबल ऊँचा रहे।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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