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कहां से आई है एप्पल की ‘सीरी’
नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)| सीरी एप्पल द्वारा विकसित किया गया एक पर्सनल असिस्टेंट है, जिसे आईओएस, मैकओएस, टीवीओएस और वॉचओएस जैसे डिवाइसों पर सुनकर निर्देश लेने के लिए बनाया गया है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित होता है। सीरी से जब कोई सवाल पूछा जाता है, तो डिवाइस (चाहे फोन हो, मैकबुक हो, स्पीकर हो या टीवी हो) के स्पीकर्स से यह उसका जवाब देता है और सवाल से जुड़ी जानकारियां मुहैया कराता है या डिवाइस के लिए दिए गए निर्देशों का कार्यान्वयन करता है।
इस सेवा के माध्यम से यूजर्स ईमेल और टेक्स्ट संदेशों को बोल कर लिखवा सकते हैं या फिर आए हुए ईमेल और मैसेज को पढ़ने के लिए कह सकते हैं। साथ ही अलार्म लगाने से लेकर फोन बंद करने, नया ईमेल भेजने, कॉल करने जैसे काम करने को भी सीरी को कह सकते हैं।
सीरी की इस बुद्धिमत्ता के पीछे कई स्त्रोतों, परियोजनाओं और प्रौद्योगिकीयों का संयोजन है। डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (डीएआरपीए) ने सीरी जैसी प्रौद्योगिकी और एक वर्चुअल निजी सहायक और मशीन लर्निग प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए केलिफरेनिया की मेनलो पार्क स्थित एक गैर-लाभकारी शोध संस्थान का वित्त पोषण किया था। इसे सीएएलओ परियोजना के नाम से विकसित किया गया, जिसे बाद में ‘सीरी’ नाम मिला।
अमेरिका के मेसाचुसेट्स प्रांत में स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी नुआंस कम्यूनिकेशंस जो एसआरआई इंटरनेशनल से अलग होकर बनी थी, उसने सीएएलो को आवाज पहचानने की प्रौद्योगिकी मुहैया कराई, जिससे सीरी विकास संभव हुआ। एसआरआई इंटरनेशनल दल के कुछ सदस्यों ने एक नई स्टार्टअप कंपनी बनाने का फैसला किया। इस कंपनी की स्थापना 2007 में हुई और इसे सीरी नाम दिया गया। एसआरआई के शोधकर्ता डाग कितुलस और एडम चेयर नई स्टार्टअप सीरी के क्रमश: मुख्य कार्यकारी अधिकारी और उपाध्यक्ष (इंजीनियरिंग) बने, जबकि टॉमग्रुबर कंपनी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी बने।
प्रौद्योगिकी दिग्गज एप्पल ने साल 2010 में सीरी को खरीद लिया, जिससे वर्तमान सीरी का जन्म हुआ।
सीरी की आवाज :
स्कैनसॉफ्ट नाम की सॉफ्टवेयर कंपनी का साल 2005 में नुआंस कम्यूनिकेशंस के साथ विलय हुआ था। इसी कंपनी ने 2005 में ही वॉयस आर्टिस्ट सुसन बेन्नेट्ट की रिकार्डिग के लिए सेवाएं ली थी, जब कंपनी द्वारा पहले से तय आर्टिस्ट काम पर नहीं आया था। बेन्नेट्ट ने एक महीने तक होम रिकार्डिग स्टूडियो में रोज चार घंटे तक अपनी आवाज में विभिन्न वाक्यों, शब्दों और मुहावरों को रिकार्ड कराया। उनके द्वारा रिकार्ड किए गए वाक्यों और शब्दों को जोड़कर ही सीरी की आवाज का निर्माण किया गया। इस बात की जानकारी बेन्नेट्ट को भी नहीं थी, उनकी एक दोस्त ने साल 2011 में ईमेल से उन्हें यह जानकारी दी थी। हालांकि एप्पल ने कभी यह स्वीकार नहीं किया की सीरी की मूल आवाज बेन्नेट्ट की है, लेकिन कई आवाज विशेषज्ञों ने इसकी पुष्टि की है। उसके बाद अन्य कई वॉयस कलाकारों ने भी सीरी को आवाज दी।
एप्पल ने ‘आईओएस 11’ से हजारों लोगों की कई घंटों की आवाज की रिकार्डिग से डीप लर्निग प्रौद्योगिकी के माध्यम से सीरी के लिए नई महिला आवाज का निर्माण किया। एप्पल ने साल 2014 में ‘हे सीरी’ फीचर को शुरू किया, जिससे यूजर्स बोलकर सीरी को सक्रिय कर सकते थे और उन्हें डिवाइस पर किसी बटन को दबाने की जरूरत नहीं थी। इसके अगले साल एप्पल ने सीरी में आवाज को पहचानने की क्षमता जोड़ी, जिससे कोई अन्य व्यक्ति डिवाइस पर सीरी को कमांड न दे सके।
एप्पल के अलावा गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन ने भी वॉयस असिस्टेंट लांच किए हैं, जिनके नाम क्रमश: असिस्टेंट, कॉर्टाना और एलेक्सा है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि गूगल का असिस्टेंट बाकी सभी वॉयस असिस्टेंट से ज्यादा स्मार्ट है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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