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कांग्रेस की किसान रैली आज, मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे सोनिया-राहुल

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नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 56 दिनों के अवकाश के बाद देश की राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ किसान रैली को संबोधित करेंगे। इस जनसभा में राहुल और सोनिया केंद्र सरकार के ‘किसान विरोधी’ भूमि अधिग्रहण विधेयक और नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध में हुंकार भरेंगे।

कुल मिलाकर इस रैली के माध्यम से पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने छुट्टी से वापस आते ही अपनी खोई सियासी जमीन हासिल करने की मुहिम शुरू कर दी है। मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध भी उसी मुहिम का एक हिस्सा है। इस पूरे अभियान का नेतृत्व राहुल गांधी करेंगे।

पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से उबरने की कोशिशों में लगी कांग्रेस की इस ‘खेत किसान रैली’ को पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए 2011 में राज्य सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध स्वरूप राहुल ने भट्टा परसौल में पदयात्रा निकाली थी। राहुल एक बार फिर उसी तरह किसानों की इस रैली का नेतृत्व करते नजर आएंगे।
23 फरवरी को सदन में पेश हुए बजट सत्र के बाद से ही राहुल सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं। इस बीच वह राजनीति से बिल्कुल अलग-थलग किसी अनजान जगह छुट्टियां बिताकर 16 अप्रैल को वापस लौटे। 20 अप्रैल से शुरू हो रहे मध्यांतर के बाद के बजट सत्र की ठीक पूर्व संध्या पर राहुल राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में किसानों की इस जनसभा को संबोधित करेंगे।

कांग्रेस 2013 में लाए गए अपने मूल विधेयक में किसी भी बदलाव का कड़ा विरोध कर रही है और उस प्रावधान को खत्म करने का विशेष तौर पर विरोध कर रही है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए 80 फीसदी भूमि मालिकों की अनुमति को अनिवार्य रखा गया था।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि लोकसभा के आगामी सत्र में वे जिस भूमि अधिग्रहण विधेयक को दोबारा पेश करने वाले हैं, कांग्रेस उसका विरोध करने के प्रति कटिबद्ध है। आनंद ने यह भी कहा कि राहुल आगामी सत्र में इस मुद्दे पर लोकसभा में भी बोल सकते हैं। राहुल ने वापसी के साथ ही शुक्रवार को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश से आए किसानों के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और भूमि अधिग्रहण विधेयक के प्रति और बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान के प्रति उनकी चिंताओं पर उनसे बात की थी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ‘किसान विरोधी एवं गरीब विरोधी’ नीतियों का विरोध करने के लिए विशाल रैली बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि हम इस बेरहम भूमि अधिग्रहण अध्यादेश-2015 का विरोध करेंगे और इसके चलते किसानों से लिए जाने वाले 200 लाख हेक्टेयर भूमि के कारण उनकी परेशानियों के लिए आवाज उठाएंगे।

इस रैली में शामिल होने के लिए रविवार को एक 17 कोच वाली विशेष ट्रेन जयपुर से किसानों को राजधानी लेकर आएगी।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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