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कांग्रेस ने उर्जित पटेल का इस्तीफा मांगा, आरबीआई का घेराव किया

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Congress agitation against rbiनई दिल्ली। कांग्रेस ने नोटबंदी का सही तरीके से क्रियान्वयन न करने के विरोध में बुधवार को देशव्यापी आंदोलन किया और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्वायत्तता बहाल करने तथा इसके गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे की मांग को लेकर विभिन्न राज्यों की राजधानी स्थित आरबीआई के कार्यालयों का घेराव किया। मुंबई में कांग्रेस के कई नेताओं को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से हिरासत में लिया, जो आरबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले थे।

मुंबई पुलिस ने जब उन्हें आरबीआई के बाहर प्रदर्शन करने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया, तो उन्होंने रेलवे स्टेशन पर ही आंदोलन शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “हमने आरबीआई के मुंबई मुख्यालय को एक विज्ञप्ति सौंपी है और आरबीआई की स्वायत्तता बहाल करने की मांग की है।” आरबीआई के गवर्नर, डिप्टी गवर्नर तथा सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सौंपी विज्ञप्ति में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आरबीआई की स्वायत्तता तथा शक्तियों को कमतर व जोखिम में डाला गया है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, “आरबीआई की साख पर बट्टा लगाने के जिम्मेदार इसके गवर्नर हैं। नोटबंदी के गड़बड़झाले की जिम्मेदारी लेते हुए तथा मोदी सरकार को शीर्ष बैंक के अधिकार क्षेत्र में दखलंदाजी कर उसे अपनी सरकार का प्रवक्ता बनाने की मंजूरी देने को लेकर उर्जित पटेल को जल्द से जल्द इस्तीफा देना चाहिए।”

विज्ञप्ति में कहा गया है, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने आरबीआई का सृजन किया और कई दशकों में इसे विकसित किया।” विज्ञप्ति में आरबीआई की स्वायत्तता जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की गई है।

दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “अगर मैं आरबीआई के गवर्नर को कहीं देखूं, तो शायद ही पहचान पाऊंगा, क्योंकि वह समाचार पत्रों या टेलीविजन में कभी-कभार ही दिखाई पड़ते हैं। आरबीआई की स्वायत्तता खत्म हो चुकी है। यह अब सरकार का रबर स्टैंप बन चुका है।”

उन्होंने कहा कि बीते साल आठ नवंबर को 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण ने राष्ट्रीय आय व सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को गंभीर आघात पहुंचाया है।

इसी तरह का प्रदर्शन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में देश के कई शहरों में किया गया। मुंबई तथा दिल्ली के अलावा, बेंगलुरू व चेन्नई के अलावा बिहार, मेघालय, उत्तराखंड, ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के शहरों में भी प्रदर्शन किया गया।

कांग्रेस पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के कदम की निंदा करते हुए और आरबीआई की स्वायतत्ता खत्म करने में केंद्र की भूमिका के विरोध में नारे लगाते हुए यहां आरबीआई कार्यालय का घेराव किया।

प्रदर्शनकारियों ने आरबीआई की शक्तियां छीनने को लेकर भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और नोटबंदी को देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाला बताया।

पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरबीआई कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला।

यह प्रदर्शन कांग्रेस पार्टी द्वारा मंगलवार को आहूत देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा था। केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाने सड़क पर उतरे गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शंकर सिंह वाघेला तथा पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

वहीं नागपुर में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण तथा पार्टी नेता राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने नोटबंदी के खिलाफ सरकार विरोधी नारे लगाए और आरबीआई की घेराबंदी करने वाले कांग्रेसियों का नेतृत्व किया।

इस लाठीचार्ज में कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के मामूली चोटें आईं। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने इसके बाद पुलिस पर अपना गुस्सा उतारा। चव्हाण, विखे-पाटिल तथा विलास मुत्तेमबार सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की और उनपर कार्रवाई होने तक आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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