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‘कांग्रेस से विरासत में मिली’ का बहाना नहीं चलेगा : नीति आयोग के उपाध्यक्ष

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)| नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार ‘कांग्रेस से विरासत में मिली’ कहकर बहाना नहीं बना सकती। सरकार को अपनी उपलब्धि ही नहीं, बल्कि विफलताओं की भी जिम्मेदारी लेनी होगी।

ऐसा अक्सर देखा जाता है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसके कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस पर शासन की विफलता, नीति पंगुता व अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाते हैं और काम में सुस्ती का सवाल उठाए जाने पर ‘कांग्रेस से विरासत में मिली’ कहकर बचने की कोशिश करते हैं।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) शासन से 2014 में मौजूदा सरकार को मिली विरासत के संदर्भ में राजीव कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले चार साल के कामकाज पर गौर करना जरूरी है, क्योंकि यह सरकार पिछले मुद्दों से उबर चुकी है, इसलिए सरकार को अपनी खूबी के आधार पर निर्णय करना चाहिए।

कुमार ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, अर्थव्यवस्था विरासत में मिली उन समस्याओं से उबर चुकी है, इसलिए किसी प्रकार का बहाना बनाने के लिए उनका प्रयोग अब नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, कुल मिलाकर इन सबके (विरासत में मिली समस्याओं) बावजूद सरकार ने बहत कुछ किया है। सरकार ने उन समस्याओं से निजात पाने के लिए विमुद्रीकरण, जीएसटी, ऋणशोधन क्षमता व दिवाला संहिता, बेनामी कानून, रेरा और बैंकों का पुनर्पूजीकरण जैसे बड़े संरचनात्मक सुधार लाए हैं। मेरा मानना है कि हम आखिरकार उनसे उबर चुके हैं और इसलिए सरकार को अपनी खूबी के आधार पर निर्णय करना चाहिए।

कुमार का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार कांग्रेस पर अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके छोड़ जाने का आरोप लगाते रहे हैं और कहते रहे हैं कि सरकार इसे पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है।

चाहे बैंकों के फंसे हुए कर्ज (एनपीए) का मसला हो या नीरव मोदी से जुड़ा पंजाब नेशनल बैंक फर्जीवाड़ा या फिर बैंकिंग क्षेत्र की खराब हालत, सुस्त जीडीपी वृद्धि दर, वित्तीय घाटे की स्थिति और तेल की कीमतों में इजाफा, भाजपा नेताओं ने हर मौके पर इसके लिए पूर्व की यूपीए सरकार से विरासत में मिली बताया है।

यहां तक कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भी अक्सर मौजूदा सरकार को विरासत में मिली समस्याएं और उससे प्रभावित सरकार के प्रदर्शन का जिक्र किया है।

कुमार ने कहा, जिस सरकार को काफी खराब आर्थिक हालात विरासत में मिली जहां शासन-व्यवस्था और फैसले लेने की क्षमता पूरी तरह पंगु हो चुकी थी और वैश्विक आर्थिक हालात भी अच्छे नहीं थे, वह अब उससे उबर चुकी है। मेरा मानना है कि इस सरकार ने बहुत अच्छा (प्रदर्शन) किया है।

उन्होंने कहा कि जब भाजपा ने 2014 में सत्ता संभाली थी तो महंगाई दर नौ फीसदी के स्तर को पार कर गई थी और विकास दर घटकर छह फीसदी से नीचे आ गई थी।

कुमार ने कहा, (पूर्व वित्तमंत्री पी.) चिदंबरम के समय में एक बार राजकोषीय घाटा 2.8 फीसदी से बढ़ाकर 6.4 फीसदी तक हो गया। उस स्तर से उबरकर हमने पिछले साल 6.7 फीसदी की विकास दर हासिल की, जबकि वित्तवर्ष की अंतिम तिमाही में विकास दर 7.7 फीसदी रही और महंगाई दर घटकर पिछली तिमाही में 3.8 फीसदी पर आ गई। मेरा मानना है कि यह उल्लेखनीय है।

वित्तवर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.5 फीसदी रहा और सरकार ने चालू वित्तवर्ष में इसे 3.3 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है।

हालांकि कुमार ने माना कि निर्यात क्षेत्र का प्रदर्शन चिंता का सबब है और पानी का भी संकट पैदा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी संकट और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है।

राजीव कुमार ने कहा, ये गंभीर समस्याएं हैं। इसे सुलझाने में वक्त लगेगा। लेकिन सरकार को श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने इन समस्याओं को संज्ञान में लिया है न कि उससे मुंह मोड़ा है। साथ ही सरकार इसको लेकर नया तरीका अपनाने जा रही है, मसलन, शिक्षा की गुणवत्ता, जल संरक्षण, स्वास्थ्य को लेकर राज्यों के प्रदर्शन की रैंकिंग करने की व्यवस्था की जा रही है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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