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अन्तर्राष्ट्रीय

काबुल में आत्मघाती हमला, 63 मरे

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काबुल, 27 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य काबुल में सिदारत स्क्वेयर के पास शनिवार को हुए एक आत्मघाती हमले में कम से कम 63 लोगों की मौत हो गई और 150 अन्य घायल हो गए। इस हमले में एक तालिबान आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक भरे एक एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया।

अफगानिस्तान के सूचना और मीडिया केंद्र के निदेशक बरिलाई हिलाली ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, आज (शनिवार) हुए हमले में कम से कम 63 लोगों की मौत हो गई और 151 लोग घायल हो गए हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारी वाहिद मजरूह ने कहा कि मृतकों और घायलों को काबुल के आसपास के अस्पतालों में ले जाया गया है।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल कावोसी ने बताया कि पूर्व आंतरिक मंत्रालय की इमारत और राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय की इमारत के पास हुए इस हमले में मृतकों की संख्या पर इलाके में स्थित अस्पतालों ने अपनी मुहर लगा दी है।

विस्फोट जम्हूरियत अस्पताल के पास अपराह्न् लगभग 12.50 बजे हुआ।

काबुल पुलिस के प्रवक्ता बशीर मुजाहिद ने एफे न्यूज से हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि विस्फोटकों से भरी एक कार में एक आत्मघाती हमलावर ने मंत्रालय के परिसर में घुसने की कोशिश की, लेकिन जांच चौकी पर पुलिस द्वारा पहचान लिए जाने के बाद उसने वाहन को वहीं उड़ा दिया।

सूत्र ने बताया कि विस्फोट की चपेट में आए लोगों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इलाके में जम्हूरियत अस्पताल, कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यालय और भीड़भरा बाजार स्थित है।

तालिबान ने सोशल नेटवर्किं ग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर कहा कि एक शहीद एक कार बम को आंतरिक मंत्रालय की पहली जांच चौकी तक ले जाने में सफल रहा।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि उस समय आसपास के इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

पिछले सप्ताहांत पर काबुल में एक अंतर्राष्ट्रीय होटल में हमलावरों ने हमला कर दिया था। इस हमले में 20 लोगों की मौत हो गई थी।

पिछले बुधवार को इस्लामिक स्टेट ने स्वयंसेवी संस्था ‘सेव द चिल्ड्रन्स’ के मुख्यालय पर हमला कर दिया था। जिसमें चार संस्था कर्मी, एक राहगीर एक सुरक्षाकर्मी के अलावा पांच आतंकवादी मारे गए थे।

संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के मुताबिक, 2012 के बाद पहली बार नागरिकों की मौत की संख्या में 2017 के प्रथम पांच महीनों में हालांकि छह प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। इस दौरान 2,640 लोगों की मौत हुई और 5,379 लोग घायल हुए थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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