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बिजनेस

कारोबारियों के लिए ‘जीएसटी प्लेटफॉर्म’ शुरू

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)| एचपी इंडिया और केपीएमजी ने साथ मिलकर सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को अपनाने में कारोबारियों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की मदद के लिए संपूर्ण, सुरक्षित और सस्ता इनवॉयसिंग प्लेटफॉर्म ‘जीएसटी सॉल्यूशन’ की शुरुआत की।

‘जीएसटी सॉल्यूशन’ में उपभोक्ता को नए कर नियमों के मुताबिक, सुविधाजनक तरीके से सभी लेनदेन को फाइल करने के लिहाज से समर्थन करने की क्षमता है और इसमें बड़ी कंपनियों के इनवॉयस का मेल-मिलाप करने की जरूरतें कम करने की भी सुविधा उपलब्ध है।

एचपी इंक इंडिया के प्रबंध निदेशक सुमीर चंद्रा ने कहा, जीएसटी एक प्रमुख कर सुधार है और हमें भरोसा है कि एचपी और केपीएमजी की ओर से पेश किए गए जीएसटी इनवॉयसिंग सॉल्यूशन से देश में कारोबारियों और एमएसएमई को नई कर व्यवस्था को आसानी से अपनाने में मदद मिलेगी।

केपीएमजी इंडिया के निदेशक एवं सीईओ अरुण कुमार ने कहा, जीएसटी को लागू करने के लिए 60 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को अपने इनवॉयसिंग के तरीके को बदलने की जरूरत होगी, जो एक बड़ा काम है। एमएसएमई को इन बदलाव को स्वीकार करने में मदद करने और संबंधित आईटी चुनौतियों को बेहतर बनाने के लिए केपीएमजी ने एक संपूर्ण जीएसटी इनवॉयसिंग सॉल्यूशन पेश करने के लिए एचपी से हाथ मिलाया है।

इस एंड-टु-एंड सॉल्यूशन में प्रमुख पीसी ब्रांड-एचपी के हार्डवेयर, केपीएमजी द्वारा पेश किया गया जीएसटी इनवॉयसिंग सॉफ्टवेयर, इनवॉयस डेटा को स्टोर करने के लिए क्लाउड स्टोरेज, अबाधित जीएसटी सुविधा प्रोवाइडर (जीएसपी) की पहुंच, ई-साइन, जीएसटी पंजीकरण और प्रवासन सेवाएं शामिल हैं। यह सॉल्यूशन एक एकीकृत प्लेटफॉर्म के तौर पर काम कर सकता है, जिससे इनवॉयस जेनरेशन में आसानी और प्रणाली के वेंडर्स और सब-वेंडर्स में मेल-मिलाप संभव हो सके।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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