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प्रादेशिक

कार्यशाला में बताए ‘कार्डिएक अरेस्ट’ से बचाव तरीके

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश, मध्य कमान अस्पताल, हार्ट अटैक, सीपीआर, एम्स, एसजीपीजीआई, 

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी के लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान अस्पताल में ‘बेसिक लाइफ सपोर्ट’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में बताया गया कि दिल का दौरा (हार्ट अटैक), पानी में डूबना और अन्य कई कारण हैं, जिनसे हृदय का रक्त संचार बंद हो जाता है। इसी को कार्डिएक अरेस्ट कहा जाता है। ऐसे मरीज को अगर त्वरित जीवन रक्षक उपचार (सीपीआर) दिया जाए तो उसका मौत से बचना संभव है। कार्यशाला का उद्घाटन मध्य कमान अस्पताल के सेनानायक मेजर जनरल ए.के. दास ने किया।

लखनऊ एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक के सहयोग से आयोजित बेसिक लाइफ सपोर्ट कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को कार्डिएक अरेस्ट व्यक्ति का त्वरित जीवन रक्षक उपचार का प्रशिक्षण देना था, जिससे कि मरीज का बहुमूल्य जीवन बचाया जा सके। कार्यशाला में सभी को कार्डिएक अरेस्ट की पहचान, उसका उचित उपचार घर में और अस्पताल में दिए जाने का प्रशिक्षण वीडियो और मैनिकिन्स के द्वारा दिया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय प्रशिक्षक पटना स्थित एम्स के डॉ. अरुण बरनवाल, कानपुर से विंग कमांडर डॉ. किरन तथा एसजीपीजीआई लखनऊ से डॉ. पी. भट्टाचार्या और डॉ. बी. पोद्दार ने साक्ष्य आधारित प्रणाली के द्वारा सभी उपस्थित हेल्थ प्रदाताओं को प्रशिक्षण दिया। ज्यादातर कार्डिएक अरेस्ट घर पर सभी पारिवारिक सदस्यों की मौजूदगी में ही होता है, इसलिए उसका प्रिय व्यक्ति ही उसको सीपीआर देकर उनका जीवन सुरक्षित कर सकता है।  गौरतलब है कि मध्य कमान अस्पताल सीपीआर की ट्रेनिंग देनेवाला भारत का आठवां और भारतीय सेना का प्रथम व उत्तर प्रदेश का दूसरा प्रशिक्षण केंद्र है।

 

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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