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किया मोटर्स ने फीफा विश्व कप ओएमबीसी के तौर पर 2 बच्चों का चयन किया
गुरुग्राम, 6 मई (आईएएनएस)| किसी भी फुटबाल फैन, खासतौर पर एक बच्चे के लिए फुटबाल का मक्का कहे जाने वाले फीफा विश्व कप में शरीक होना किसी सपने के सच होने जैसा है।
किया मोटर्स इंडिया भारतीय फैन्स के इस सपन को सच करने का काम कर रहा है और इसी क्रम में उसने दो बच्चों का चयन 2018 फीफा विश्व कप (रूस) के लिए आधिकारिक मैच बॉल कैरियर्स (ओएमबीसी) के तौर पर किया है। फीफा का आधिकारिक पार्टनर किया मोटर्स पहली बार इस यूनीक इनिशिएटिव को भारत लेकर आया है। किया मोटर्स इंडिया इस इनिशिएटिव के तहत छह बच्चों का चयन हुआ, जो रूस में जून-जुलाई में होने वाले विश्व कप में शिरकत करेंगे। इनमें से दो ओएमबीसी होंगे जबकि चार दर्शक के तौर पर विश्व कप का लुत्फ लेंगे।
भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने रविवार को गुरुग्राम में सेलेक्शन ट्रायल में शिरकत की और वह यह देखकर हैरान हुए कि भारत में फुटबाल को लेकर किस कदर की दीवानगी है।
छेत्री ने कहा, इन बच्चों की प्रतिभा देखकर मैं हैरान हूं। ये न सिर्फ इस खेल को लेकर दीवाने हैं बल्कि ये खेल को लेकर सभी बातों की पूरी जानकारी भी रखते हैं। मुझे तो इन बच्चों से ईष्र्या हो रही है क्योंकि ये रूस जाएंगे और इस खेल के महानतम खिलाड़ियों को खेलते देखेगे। यह जीवन बदलने वाला अनुभव होगा। मैं किया मोटर्स को इस बात के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं कि उसने मुझे इन होनहार बच्चों से मिलने और इनसे बात करने तथा इस शानदार इनिशिएटिव का हिस्सा बनने का मौका दिया।
किया मोटर्स इंडिया के प्रमुख (मार्केटिंग एवं सेल्स) मनोहर भट ने कहा, फीफा के साथ किया मोटर्स का प्रतिष्ठित सहयोग 2007 से चला आ रहा है और यह परस्पर लाभकारी रहा है। हमें यह देखने में प्रसन्नता हो रही है कि इन युवा बच्चों को उनके सपने का एहसास है और इससे दूसरों को जीवन के जुनून के रूप में फुटबाल का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हमें इस बात की प्रसन्नता है कि सुनील छेत्री हमारे साथ एक जज के रूप में आए और न केवल सर्वश्रेष्ठ का चयन किया बल्कि देश के युवा फुटबाल उत्साही लोगों के साथ अपने अनुभव साझा किए। हम वास्तव में आशा करते हैं कि किया-फीफा अनुभव इन बच्चों के लिए एक यादगार होगा।
ओएमबीसी पहल भारत में 10 अप्रैल को लॉन्च की गई थी। इसमें 10 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के फुटबॉलरों को आमंत्रित किया गया। वे आएं और अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए ओएमबीसी के रूप में रूस जाने का मौका जीतें। प्रत्येक महत्वाकांक्षी बच्चे के अभिभावक को आधिकारिक साइट पर अपने बेटे या बेटी का एक छोटा वीडियो पोस्ट करने की आवश्यकता थी, जिसके आधार पर अंतिम चयन के लिए 50 प्रतिभाशाली बच्चों को दिल्ली में आमंत्रित किया गया था। उनमें से छह अंतत: यात्रा के लिए चुने गए, जिनमें से दो ओएमबीसी के रूप में जा रहे हैं और चार दर्शक के रूप में जा रहे हैं।
पूरी दुनिया से ओएमबीसी के तौर पर 64 बच्चों का चयन होना है। सौभाग्यशाली बच्चे को फीफा विश्व कप के दौरान आधिकारिक बॉल लेकर मैदान में जाने का मौका मिलेगा। गुरुग्राम में आयोजित ट्रायल में हिस्सा लेने वाले 50 बच्चों (अपने परिजनों के साथ पहुंचे) अपने फन के जरिए छेत्री को रिझाने की कोशिश की। उत्तेजना स्पष्ट थी क्योंकि बच्चों को उनके फुटबॉल कौशल, उनकी चपलता, रवैया और आत्मविश्वास के आधार पर चुना जाना था।
हर बच्चे को ट्रायल के दौरान ड्रिबलिंग, जगलिंग और शूटिंग स्किल दिखानी थी और खेल से जुड़े कुछ सवालों का जवाब देना था। माहौल में मजा, उत्तेजना और प्रतिद्वंद्विता थी क्योंकि माता-पिता ने अपने बच्चों को उत्साहित किया और उन्हें रूस का टिकट जीतने के लिए प्रोत्साहित किया। छह चुने हुए बच्चों को इस महीने के अंत में एक चमकदार प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत और दुनिया के सामने पेश किया जाएगा।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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