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किसानी, पानी, जवानी पर भीकमपुरा में किसान संवाद शनिवार से

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भीकमपुरा (राजस्थान), 6 अप्रैल (आईएएनएस)| तरुण भारत संघ के भीकमपुरा स्थित आश्रम में शनिवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय चिंतन शिविर में किसानों की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा और देशभर से पहुंच रहे किसान व समाजिक कार्यकर्ता यहां किसानी, पानी और जवानी पर खुलकर संवाद करेंगे। तरुण भारत संघ के अध्यक्ष, राजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यहां कहा कि शिविर में हिस्सा लेने वाले 19 राज्यों के किसान संगठन तथा सामाजिक कार्यकर्ता किसानों के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करेंगे, और किसानों की समस्याओं पर देशव्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

राजेंद्र ने आईएएनएस से कहा, देश के किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा है। किसान आंदोलनों में बिखराव करना सरकार की नीति बन गई है। किसानों से सिर्फ यही वादा किया जाता है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक उन्हें कृषि फसलों की लागत का डेढ़ गुना दाम दिया जाएगा, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, क्योंकि किसानों को वास्तव में शेष सिफारिशों के बारे में पता ही नहीं है।

सिंह ने कहा, देश में किसान आंदोलन अलग-अलग वर्ग, क्षेत्र, जाति और फसलों के आधार पर होने लगे हैं। गन्ना किसान का आंदोलन अलग होता है, दलहन-तिलहन किसानों का आंदोलन अलग होता है, दूध उत्पादक, कपास उत्पादक, मछुआरों का आंदोलन अलग-अलग होता है। अब कोशिश होगी कि सभी को एकजुट किया जाए और एक सामूहिक आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो।

राजेंद्र ने बताया कि यह शिविर एकता परिषद के संस्थापक पी. वी. राजगोपाल की अगुवाई में होगा, जिसमें किसान नेता सरदार डी. एम. सिंह, मध्य प्रदेश के शिवकुमार शर्मा, राजस्थान के रामपाल जाट, राष्ट्रीय किसान आंदोलन के डॉ. सुनीलम, जय किसान आंदोलन के अभिक, कर्नाटक के बासवराय पाटील, संजय और अप्पा साहब, राजस्थान के राजेन्द्र, नरूका, शेखावाटी के निरजंन सिंह, हरियाणा के रामकुमार सागवान, इब्राहिम खान उत्तर प्रदेश के पंकज कलकी, विश्वविजय, केरल के वेनुगोपाल, तमिलनाडु के गुरुस्वामी, पुत्तुस्वामी, बिहार के आनन्द मोरारी, किसान आंदोलन मध्य प्रदेश के पवन राजावत, भगवान सिंह, बुंदेलखंड किसान आंदोलन के अगुवा महेन्द्र शर्मा, महाराष्ट्र से प्रतिभा शिंदे, एकता परिषद के अध्यक्ष रनसिंह हिस्सा लेंगे।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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