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‘कुछ नौकरशाह ईसाइयों को सुअर खाने वाला बुलाते हैं’

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पणजी| गोवा में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता कैतु सिल्वा ने सरकारी अधिकारियों पर ईसाई समुदाय के लोगों के साथ ठीक से पेश नहीं आने का आरोप लगाया। उनका कहना वे न सिर्फ उनके साथ अपमानजतक तरीके से पेश आते हैं, बल्कि कुछ अधिकारी तो उन्हें ‘सुअर खाने वाला’ भी बुलाते हैं। गोवा विकास पार्टी (जीवीपी) के नेता व बेनॉलिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक सिल्वा ने बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा, “अस्पताल में कुछ सरकारी अधिकारी बेहद घृणित तरीके से बात करते हैं। मुझे कहते हुए शर्म आती है कि कुछ अधिकारियों ने कहा है कि दक्षिण गोवा जिले में स्थित अस्पताल सिर्फ सुअर खाने वालों को बचाने के लिए है।”

बेनॉलिम विधानसभा दक्षिण गोवा के सालेसेट उप जिला में स्थित है, जहां ईसाई सबसे अधिक संख्या में मौजूद हैं।

गोवा के ईसाई समुदाय के खानपान में सुअर का मांस सामान्य रूप से शामिल है। राज्य की जनसंख्या में 26 फीसदी आबादी ईसाइयों की है।

सिल्वा ने यह भी कहा कि कुछ नौकरशाह ईसाई समुदाय के लोगों की खान-पान की विशिष्टता के कारण उनका विरोध करते हैं।

उन्होंने विधानसभा को बताया कि वह ऐसे एक अधिकारी की पहचान कर सकते हैं, लेकिन उनका नाम नहीं लिया।

विधायक ने कहा, “ऐसे कुछ शब्द एक सरकारी अधिकारी ने इस्तेमाल किए थे। ऐसे शब्द इसलिए इस्तेमाल किए गए, क्योंकि वे सुअर का मांस खाते हैं? अधिकारियों को यह नहीं कहना चाहिए। मुझे पता है वह अधिकारी कौन है?”

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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