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कुर्सी के बगैर नहीं रह सकते नीतीश : मांझी

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पटना | बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कुर्सी के बिना नहीं रह सकते, वे छटपटाने लगते हैं। पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में मांझी ने कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब नीतीश पानी बिन मछली की तरह छटपटाने लगे थे। इसके बाद उन्होंने मुझे साजिश करके मुख्यमंत्री पद से हटा दिया।”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री काल में मैंने जो भी फैसले लिए थे, पहले तो नीतीश ने उन्हें रद्द कर दिए और अब अपने फायदे के लिए उन्हें दोबारा से लागू करने में जुटे हुए हैं।” उन्होंने अनुमान जताया कि विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश इन फैसलों को एक बार फिर रद्द कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों को 13 महीने का वेतन देना और ठेकेदारी में आरक्षण देने का निर्णय उनकी (मांझी) सरकार ने लिए थे, लेकिन इन आदेशों को वर्तमान सरकार ने निरस्त कर दिया था। अब फिर से इसे मंत्रिपरिषद् से मंजूरी दी जा रही है।

मांझी ने पटना में निर्माणाधीन संग्रहालय निर्माण में भी अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने भी माना है कि इस निर्माण में आवश्यकता से अधिक राशि खर्च की जा रही है।

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ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन की प्रेस कांफ्रेंस में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

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लखनऊ। आज यूनियन “ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन” की प्रेस कॉन्फ्रेंस फैजाबाद रोड, लखनऊ स्थित एक होटल में आयोजित की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के कार्यरत श्रमिकों के कल्याण हेतु यूनियन द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रेस वार्ता हुई। यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पाण्डे ने पत्रकारों से बताया कि हम लगातार कई वर्षों से श्रमिकों के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं उसी का परिणाम ये है कि वित्त विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा पुराने श्रमिकों के कार्य करने के कार्य दिवस के अनुसार उनको अवशेष वेतन का भुगतान का आश्वासन दिया गया जिसकी आगे की कार्यवाही दिनाँक 18 अक्टूबर से प्रारंभ की जाएगी साथ ही उप-श्रमायुक्त लखनऊ द्वारा 9 अक्टूबर तक यूनियन से तक़रीबन 7 जिलों के 19 डिपो के श्रमिकों की सूची की मांग की गई है ताकि उस सूची पर आगे की कार्यवाही की जा सके।

राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पांडेया ने प्रेस वार्ता में बताया कि हम उन गरीब श्रमिकों को उनका हक जिसमें न्यूनतम वेतन के अलावा हर वो सुविधा दिलाने की कोशिश कर रही है जो एक सामान्य व्यक्ति को कम से कम जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक होती है आज उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के श्रमिक भूखमरी के कगार पर हैं, उनका प्रति बोरी के हिसाब से 1.5 रुपये 2 रुपये दिया जाता है कोई बीमा नहीं है, कोई चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करायी जाती है, वो बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा तक नहीं सकते, उत्तर प्रदेश भंडारण निगम में ठेकेदार लाल हैं और श्रमिक बेहाल। बस यूँ कहिए की वो किसी तरह जी रहे हैं। उन्होंने कहा ये लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी जब तक श्रमिकों को उनका हक ना मिल जाए।

इस अवसर पर यूनियन के उत्तर प्रदेश कमेटी के मनोनीत पदाधिकारियों की घोषणा की गई, कमेटी में अध्यक्षा नीशू शुक्ला गिल, उपाध्यक्ष रोहिल कुमार, महामंत्री प्रवीण कुमार, संयुक्त मंत्री शैलेन्द्र कुमार, संगठन मंत्री राम रहीश, कार्यालय मंत्री विजय कुमार, प्रचार मंत्री राकेश कुमार, कोषाध्यक्ष विवेक शर्मा, इन सभी को पदभार दिया गया।

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