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खेल-कूद

कृष्णा, अखिल, जफर, मुराद ने दी भारतीय टीम को शुभकामनाएं

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नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)| मुक्केबाज अखिल कुमार, पूर्व हॉकी खिलाड़ी जफर इकबाल, पूर्व निशानेबाज मुराद अली और चक्का फेंक खिलाड़ी कृष्णा पूनिया ने अगले महीने से आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जा रहे भारतीय दल को अच्छे प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी हैं और उम्मीद जताई है कि खेलों में हिस्सा ले रहे सभी खिलाड़ी देश का मान बढ़ाएंगे। यह सभी खिलाड़ी सोनी पिक्चर्स नेटवर्क (एसपीएन) और दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजीए) द्वारा आयोजित एक समारोह में शिरकत करने आए थे।

सोनी नेटवर्क इन खेलों का भारत में प्रसारण करेगा। भारत के कुल 225 खिलाड़ी चार साल में एक बार होने वाले इन खेलों में हिस्सा ले रहे हैं।

2006 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाले मुक्केबाज अखिल कुमार ने कहा कि इस बार कई खिलाड़ी इन खेलों में वो उपलब्धि हासिल कर सकते हैं जो उन्होंने पहले नहीं की।

अखिल ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, मैं सभी को अपनी तरफ से अच्छे प्रदर्शन की शुभकामनाएं देता हूं। इन खेलों में मुझे मनोज कुमार से बड़ी उम्मीद है। उनके पास राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार स्वर्ण जीतने वाले मुक्केबाज बनने का सुनहरा मौका है। उन्होंने 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं मुझे विकास, मैरी कॉम से भी स्वर्ण की उम्मीद है।

पूर्व हॉकी खिलाड़ी जफर इकबाल ने कहा कि भारत की पुरुष व महिला हॉकी टीमें संतुलित हैं और ऐसे में उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।

जफर ने कहा, खेल अब काफी मुश्किल हो गया है, लेकिन हमारी टीमें तैयारी कर चुकी है। हमारी पुरुष और महिला टीमें संतुलित हैं। राष्ट्रमंडल खेल बड़े खेल हैं। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

चक्का फेंक में राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला स्वर्ण दिलाने वाली महिला खिलाड़ी कृष्णा पूनिया ने कहा कि अगर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान देंगे तो वह जरूर अच्छा करेंगे और पदक जीत कर लाएंगे।

2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाली कृष्णा ने कहा, मैं हमेशा अपने सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती थी क्योंकि खिलाड़ी जब अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है तो वह पदक जीतने के करीब होता है। मैं सभी खिलाड़ियों से यही कहूंगी कि वो अपने प्रदर्शन पर ध्यान दें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करें।

2002 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले निशानेबाज मुराद अली का मानना है कि इस समय देश के युवा खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और ऐसे में उनसे पदक की काफी उम्मीदें हैं।

उन्होंने कहा, युवा निशानेबाज काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, हालांकि हम इस खेल में वर्ल्ड लीडर नहीं हैं लेकिन भारत के इन खेलों में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की अच्छी संभावना है। मुझे लगता है कि भारत जिन खेलों में हिस्सा ले रहा है, उसमें 80 फीसदी में हम पदक जीत कर लौटेंगे। पदक का रंग कुछ भी हो सकता है। इस समय देश में खिलाड़ियों की संख्या भी बढ़ गई है। पहले निशानेबाजी में दो-तीन खिलाड़ी हुआ करते थे, लेकिन अब हर स्पर्धा के लिए कम से कम 10 खिलाड़ी मौजूद हैं। जिस तरह का समर्थन निशानेबाजों को मिल रहा है, यह उसी से संभव हुआ है।

सोनी पिक्चर्स ने इन खेलों के लिए ‘रंग दे तिरंगा’ नाम से मुहिम भी चलाई है। चैनल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपणन व ओएपी, केदार तेनी ने कहा, रंग दे तिरंगा मुहिम एसपीएन की मुहिम है जो भारतीय खेल प्रशंसकों की भावनाओं को जगाती है और उन्हें तिरंगे का समर्थन करने को कहती है। यह बहु-खेलों की संस्कृति को आगे बढ़ाती है। हमारा मकसद खेल प्रशंसकों को करीब लाना है।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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