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प्रादेशिक

केंद्र की शिक्षा नीति पारदर्शी नहीं

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कोलकाता,केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति,पारदर्शी,कार्यकर्ता अंबरीश राय,शिक्षा का अधिकार,केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी

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कोलकाता | केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति तैयार करने की प्रक्रिया न ‘पारदर्शी’ और न ही ‘समावेशी’ है। यह बात सामाजिक कार्यकर्ता अंबरीश राय ने कही। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) मंच के राष्ट्रीय संयोजक अंबरीश ने कहा, “हम शिक्षा नीति को दोबारा बनाने की पहल का स्वागत करते हैं, लेकिन इसके तरीके का समर्थन नहीं करते। इसकी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है।”

यह मंच 18 राज्यों में संचालित 10,000 संगठनों का नेटवर्क है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में कहा था कि नई शिक्षा नीति राज्यों के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद तैयार की जाएगी। अंबरीश ने कहा कि सरकार ने जहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लक्ष्य को लेकर सलाह मशविरे के लिए साल की शुरुआत में अपनी गतिविधियां तेज कर दी थीं, वहीं अब तक कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “वे इसे दिसंबर तक बनाना चाहते थे, लेकिन जमीनी स्तर पर सलाह-मशविरा या बैठकें कहां हुई हैं? केंद्र को सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों के बारे में नहीं सभी हितधारकों के बारे में विचार करना चाहिए? इसकी नीतियां समावेशी नहीं हैं।”

अंबरीश कहते हैं कि लोगों के समक्ष नए ढांचे के नियम एवं शर्तो को स्पष्ट रूप से पेश नहीं किया गया है। उन्होंने ये बातें 12 गैर सरकारी संगठनों की तरफ से शनिवार को आयोजित कार्यशाला के दौरान कहीं। ये संगठन पश्चिम बंगाल में आरटीई को लागू करने की मांग कर रहे हैं। गैर सरकारी संगठन ‘एसपीएएन’ द्वारा आयोजित यूथ स्टैंड फॉर आरटीई-सॉलिडरिटी बिल्डिंग वर्कशॉप राज्य में आरटीई लागू करने संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से युवाओं को एकजुट करने के लिए तैयार किया गया था।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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