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प्रादेशिक

केरल निकाय चुनाव : बारिश, ईवीएम में गड़बड़ी से मतदान प्रभावित

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तिरुवनंतपुरम| केरल में निकाय चुनाव के लिए गुरुवार को जारी दूसरे व अंतिम दौर का मतदान बारिश और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के कारण प्रभवित हुआ। हालांकि मतदाताओं में अब भी उत्साह बरकरार है। त्रिशूर और अर्नाकुलम जिलों में भारी बारिश के बावजूद लोग अच्छी खासी संख्या में मतदान केंद्रों के बाहर कतारबद्ध दिखे।

त्रिशूर, मलप्पुरम और पलक्कड़ के विभिन्न हिस्सों में करीब 300 मतदान केंद्रों पर ईवीएम में गड़बड़ी के कारण मतदान प्रक्रिया बाधित हुई। निर्वाचन अधिकारी इन्हें दुरुस्त करने की कोशिश में जुटे हुए थे।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा, “मैंने राज्य निर्वाचन आयुक्त से बात की है। उन्होंने चीजें सही हो जाने का भरोसा दिलाया है। हमें बताया गया है कि 170 केंद्रों पर मतदान शुरू हो चुका है, जबकि अन्य केंद्रों पर अभी मतदान शुरू होना बाकी है।”

वहीं, राज्य के गृह मंत्री रमेश चेन्निथाला ने संवाददाताओं से कहा कि यदि राज्य निर्वाचन आयुक्त जांच के लिए कहते हैं तो यह की जाएगी।

उन्होंने कहा, “पुलिस महानिदेशक ने मुझे बताया है कि वह जांच के लिए तैयार हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि यदि किन्हीं केंद्रों पर मतदान तीन घंटे से अधिक समय तक मतदान नहीं हो पाता है तो ऐसे केंद्रों पर पुन:मतदान कराए जाएंगे।”

राज्य में निकाय चुनावों के लिए गुरुवार को जारी मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ, जो शाम पांच बजे तक चलेगा। पहले दौर का मतदान सोमवार को हो चुका है। चुनाव परिणाम शनिवार को आएंगे।

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि सात जिलों- पत्तनमतिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, अर्नाकुलम, त्रिसूर, पलक्कड़ तथा मलप्पुरम में 12,651 सीटों के लिए 40,000 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 1.4 करोड़ मतदाता करेंगे।

राज्य में जारी निकाय चुनाव को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जहां एक ओर सत्तारूढ़ संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने निकाय चुनावों में भी जीत का दावा किया है, वहीं विपक्षी वाम मोर्चे ने भी कहा है कि चुनाव के नतीजों के बाद यूडीएफ का पतन शुरू हो जाएगा।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कहना है कि निकाय चुनाव के नतीजों से सबसे अधिक फायदा उसे ही होगा।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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