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केरल : पुलिस पिटाई मामले में ‘कार्रवाई’ नहीं होने पर विपक्ष का विधानसभा से बहिर्गमन

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तिरुवनंतपुरम, 19 जून (आईएएनएस)| कांग्रेस नीत विपक्षी पार्टियां गुरुवार को शीर्ष पुलिस अधिकारी की बेटी के खिलाफ पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में कार्रवाई नहीं होने के विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गए।

बहिर्गमन से पहले विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर आवश्यक कार्रवाई नहीं करने के लिए निशाना साधा।

चेन्निथला ने कहा, कुछ दिन पहले एक शीर्ष पुलिस अधिकारी की बेटी ने एक पुलिस वाहन चालक गावस्कर को पीटा था। पीड़ित अस्पताल में है और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। लेकिन अधिकारी की बेटी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

आरोप है कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की

पत्नी और बेटी ने पिछले हफ्ते गावस्कर के साथ दुर्व्यवहार किया था।

कुमार की बेटी पर गावस्कर को गाली देने और अपने मोबाइल फोन से उसकी पिटाई करने का आरोप है। गावस्कर कुमार की बेटी और पत्नी को लेने देरी से पहुंचा था, जिसके बाद दोनों ने उसके साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया। गावस्कर फिलहाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है।

विजयन ने कहा कि शीर्ष पुलिस अधिकारियों द्वारा निजी काम के लिए पुलिसकर्मियों का इस्तेमाल करने की परंपरा के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं।

विजयन ने कहा, मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि चीजें सही दिशा में जा रही हैं और चाहे कोई किसी भी रैंक का हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हमारा उपहास मत उड़ाइए, हम चीजों को सही करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। घरेलू कामों के लिए पुलिसकर्मियों का इस्तेमाल नियमों के खिलाफ है।

इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक के. मुरलीधरन ने विजयन पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मार्च में ही कहा था कि कोई शीर्ष अधिकारी अपनी सेवा का दुरुपयोग नहीं कर रहा है।

मुरलीधरन ने कहा, हाल ही में यह प्रकाश में आया है कि राजस्थान के एक आईपीएस अधिकारी ने अपनी पत्नी के प्रसव के समय दो महिलाओं की मदद ली थी। और जब ऐसी चीजें मीडिया में आ जाती हैं, तो ये अधिकारी अपना गुस्सा अपने कनिष्ठों पर उतारते हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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