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केरल बार घोटाला : वाम मोर्चा, कांग्रेस मणि के इस्तीफे पर तुले

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तिरुवनंतपुरम| केरल बार घोटाले में वित्त मंत्री के.एम. मणि के इस्तीफे की मांग जोर-शोर से उठने के कारण मंगलवार को चर्चाओं और मुलाकातों का दौर जारी रहा। विपक्षी वाम मोर्चा और कांग्रेस सहित कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा के सहयोगी दल वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

मणि पर बंद बारों को खुलवाने के लिए धनवान बार मालिकों से कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है। केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को बार घोटाला मामले में आगे जांच करने के विशेष सतर्कता अदालत के निर्देश को बरकरार रखा।

मणि के करीबी माने जाने वाले चार विधायकों और राज्य सिंचाई मंत्री पी.जे. जोसेफ के बीच इस मुद्दे को लेकर अलग अलग राय हैं।

राज्य सरकार के मुख्य सचेतक और मणि के करीबी सहयोगी थॉमस उन्नीयदन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने मणि को दोषी नहीं पाया है।

उन्नीयदन ने कहा, “अदालत ने मामले की जांच आगे बढ़ाने का आदेश दिया है और हम इसे स्वीकार करते हैं। लेकिन अदालत ने मणि को दोषी नहीं माना है।”

इस बीच मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने अपने दल के और सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की।

बाद में भारतीय केंद्रीय मुस्लिम लीग के नेताओं और राज्य उद्यम मंत्री पी.के. कुन्हलीकुट्टी ने मुलाकात पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

कुन्हलिकुट्टी ने कहा, “इस समय मैं कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मुख्यमंत्री सहयोगियों से अलग से मुलाकात कर रहे हैं। संयुक्त जनतांत्रिक मोर्चा के सदस्यों की मुलाकात हो जाने के बाद हम दिन में फिर आएंगे।”

मणि के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि वे अडिग हैं कि अगर उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया गया तो वे अपने नजदीकी चार विधायकों से भी इस्तीफा दिलाएंगे। इससे चांडी सरकार खतरे में पड़ सकती है।

 

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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