Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

केरल में परंपरागत तरीके से मनाया गया गुड फ्राइडे

Published

on

केरल, गिरजाघरों, गुड फ्राइडे, जीसस क्राइस्ट, ईसाई धर्म, ऑर्थोडॉक्स , जेकोबाइट,

Loading

तिरुवनंतपुरम| केरल के गिरजाघरों में शुक्रवार को परंपरागत तरीके से गुड फ्राइडे मनाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गिरजाघरों में जुटे। गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) ने इस संसार में रहने वाले लोगों के गुनाहों के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था, जिसके उपलक्ष्य में गुड फ्राइडे मनाते हैं। इस दौरान ईसाई लोग प्रार्थनाएं करते हैं और शोक मनाते हैं। गुड फ्राइडे की प्रार्थना ईसाई धर्म की अन्य सभी प्रार्थनाओं से लंबी होती है। कुछ गिरजाघरों में गुड फ्राइडे की प्रार्थनाएं सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हो जाती हैं और दोपहर एक बजे समाप्त होती हैं, वहीं ऑर्थोडॉक्स और जेकोबाइट गिरजाघरों में दो बजे के बाद समाप्त होती हैं।

गिरजाघरों में आज के दिन के लिए तय धार्मिक कार्यक्रमों में ‘वे ऑफ द क्रॉस’ सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसके तहत ईसा मसीह की माउंट कैल्वरी तक 14 पड़ावों से गुजरने वाली यात्रा का मंचन किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु स्तुति गान करते हुए हर एक पड़ाव पर जाते हैं। इस अवसर पर ईसा मसीह के साथ हुए विश्वासघात, उनकी गिरफ्तारी, मुकदमे व उन्हें सूली पर चढ़ाए जाने की कहानियां सुनाई जाती हैं। इसके बाद दूसरा महत्वपूर्ण अनुष्ठान चोरुका (सिरका और कड़वी लौकी के रस से बना काढ़ा) पीना है। सभी गिरजाघरों में इसका आयोजन होता है। इस प्रथागत पेय को सभी को पीना होता है।

जब गुड फ्राइडे की प्रार्थना अपने अंतिम चरण में होती है तब पादरी प्रार्थना में शामिल होने आए सभी लोगों के मुंह में एक चम्मच चोरुका डालते जाते हैं। इस पेय पदार्थ का पीना उस घटना का संकेत है जब ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। उस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने एक कपड़े को इस सस्ती वाइन में डुबो इसे एक छड़ी पर लपेटकर उन्हें पिलाने की कोशिश की थी। एक और महत्वपूर्ण परम्परा प्रार्थना के बाद कांजी पीने की है। यह भाप में पकाया पानी वाला चावल होता है, जिसे दाल व अचार के साथ परोसा जाता है। इसके सेवन को पुण्य का काम माना जाता है। केरल की 3.3 करोड़ की आबादी में 23 फीसदी आबादी ईसाई समुदाय की है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

By

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending