मुख्य समाचार
कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ 5 लाख भारतीयों का डाटा साझा : फेसबुक
नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)| फेसबुक ने कबूल किया है कि करीब 5.6 लाख भारतीय उपभोक्ताओं का डाटा ब्रिटिश राजनीतिक विश्लेषक कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ ‘अनुचित तरीके’ से साझा किया गया है। फेसबुक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी माइक श्रोएफर ने एक ब्लॉक पोस्ट में कहा कि डाटा में सेंधमारी से लोगों का कंपनी पर से विश्वास टूटा है।
कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ उपभोक्ताओं के साझा किए डाटा में ज्यादातर अमेरिकी उपभोक्ता हैं, जिनकी संख्या 7 करोड़ से ज्यादा है। कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ 562,455 भारतीय उपभोक्ताओं का डाटा भी साझा किया गया है।
श्रोएफर ने लिखा, हमारा मानना है कि फेसबुक का अमेरिका के कुल 8.7 करोड़ से ज्यादा लोगों का डाटा कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ अनुचित तरीके से साझा किया गया।
उन्होंने कहा, सोमवार 9 अप्रैल से हम लोगों के लिए उनके न्यूज फीड के शीर्ष पर एक लिंक दिखाएंगे, ताकि वे देख सकें कि वे किन एपों का इस्तेमाल करते हैं और इन एपों के जरिए साझा होने वाली सूचना को जान सकते हैं।
लोग इन एपों को अपनी मर्जी के अनुसार हटा भी सकेंगे।
श्रोएफर ने पोस्ट किया, इस प्रक्रिया के तहत हम लोगों को उनकी सूचना के अनुचित तरीके से कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ साझा किए जाने के बारे में बताएंगे।
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार देर शाम एक प्रेस वार्ता में कहा था कि फेसबुक के मंच इस साल फर्जी खबरों से निपटने की फेसबुक पर बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि कई देशों में आम चुनाव होने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, यह साल दुनिया भर में समग्र चुनावी सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष होने जा रहा है। मेक्सिको में राष्ट्रपति चुनाव है, भारत व ब्राजील में भी बड़े चुनाव होने हैं, साथ ही पाकिस्तान, हंगरी व अन्य देशों में चुनाव हैं।
जुकरबर्ग ने कहा, फेसबुक में अभी 15,000 लोग सुरक्षा व सामग्री समीक्षा पर काम कर रहे हैं और इस साल के अंत तक हमारे पास 20,000 से ज्यादा लोग होंगे।
फेसबुक अपनी सुरक्षा सुविधाएं भी बढ़ा रहा है, जिससे आने वाले समय में भारत जैसे देश में चुनावों के मद्देनजर इसकी समग्रता सुनिश्चित की जा सके।
फेसबुक का यह बयान क्रिस्टोफर वाइली के फेसबुक उपभोक्ताओं के डाटा का अवैध रूप से राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किए जाने के खुलासे के कुछ दिनों बाद आया है। वाइली ने खुलासा किया था कि उसके पूर्व नियोक्ता कैम्ब्रिज एनालिटिका ने अपनी एक भारतीय शाखा द्वारा कुछ राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी शोध का काम किया था।
वाइली ने अपने व्यापक तौर पर साझा किए गए ट्वीट में कहा था कि एससीएल ग्रुप का गाजियाबाद के इंदिरापुरम में मुख्यालय था और इसके क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद, बेंगलुरू, कटक व गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, पटना व पुणे में हैं। एससीएल कैम्ब्रिज एनालिटिका का मूल संस्था है।
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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