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मुख्य समाचार

कॉफी बोर्ड ने हितधारकों के लिए एप लांच किया

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)| आधुनिक तकनीक जैसे मोबाइल फोन एवं डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल द्वारा कॉफी सेक्टर की प्रभाविता एवं दक्षता बढ़ाने के प्रयास में कॉफी बोर्ड ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में मंगलवार को कई मोबाइल फोन ऐप्लीकेशन्स का लांच किया जो इस क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे। इस पहल को लांच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने किया। इस मौके पर वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन भी मौजूद थे।

मंत्री द्वारा लांच किया गए एप ‘कॉफी कनेक्ट’ को कॉफी बोर्ड ने नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नमेंट के द्वारा विकसित किया है। यह एप्लीकेशन डिजिटल तकनीकों जैसे ज्यो-टैगिंग के माध्यम से क्षेत्र कार्यकर्ताओं को हर जरूरी जानकारी प्रदान करेगा। उन्हें पौधों, फसल, लोकेशन, उत्पादन, आधुनिक मशीनरी एवं तकनीकों के बारे में हर जानकारी उपलब्ध कराएगा।

इस तरह यह समाधान क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की दक्षता में सुधार लाकर उनकी गतिविधियों में पारदर्शिता लाएगा तथा सब्सिडी वितरण एवं रियल टाइम रिपोर्ट जनरेशन को आसान बनाएगा।

मंत्री प्रभु ने कहा, भारतीय कॉफी सेक्टर में इस तरह की आधुनिक तकनीकें पेश कर कॉफी बोर्ड ने सराहनीय कार्य किया है।

उन्होंने कहा, कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए फसलों को सही मात्रा में पोषण देना और उचित नियंत्रण बनाए रखना जरूरी है। कॉफी बोर्ड द्वारा पेश की गई आधुनिक तकनीकें देश के काफी किसानों को समृद्ध बनाएंगी और उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेंगी।

पिछले 20 सालों में कॉफी उत्पादन के क्षेत्रफल एवं कॉफी किसानों की संख्या में तीव्र वृद्धि के कारण एक्सटेंशन अधिकारी एवं कॉफी किसानों के अनुपात में 10 गुना वृद्धि हुई है। एक्सटेंशन सेवाओं के अलावा एक्सटेंशन कर्मचारी विकास गतिविधियों एवं सर्वेक्षण आदि में भी सक्रियता से काम करते हैं।

मंगलवार को लांच किया गया एक और एप है ‘कॉफी कृषि थरंगा’। यह आईवीआर आधारित डिजिटल मोबाइल एक्सटेंशन सर्विस है जो सीमित समय में बोर्ड की सेवाओं की अधिकतम पहुंच को सुनिश्चित करेगा। इसका विकास कॉफी बोर्ड एवं प्रेसीजन एग्रीकल्चर फॉर डेवलपमेंट इंडिया फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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