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नेशनल

कोयला, बीमा अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी

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नई दिल्ली| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कोयला नीलामी और बीमा क्षेत्र से संबंधित अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए। मंगलवार को समाप्त हुए संसद के शीतसत्र में संबंधित विधेयकों को आगे नहीं बढ़ाया जा सका, क्योंकि सत्र के आखिरी कुछ दिनों में धर्मातरण मुद्दे पर विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित हुई। सरकार की लाचारी यह है कि राज्यसभा में वह अल्पमत में है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय बैठक में दोनों अध्यादेश जारी करने के फैसले लिए गए।

हाल में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए गए कोयला ब्लॉकों की नीलामी करने के लिए अध्यादेश जरूरी है। वहीं बीमा क्षेत्र संबंधी अध्यादेश से क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकेगी। बीमा विधेयक में क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)की अधिकतम सीमा को वर्तमान 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने का प्रावधान है। एफडीआई सीमा बढ़ने से क्षेत्र में 2020 तक 50 हजार करोड़ रुपये (8 अरब डॉलर) का एफडीआई आने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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