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बिजनेस

कौशल विकास से पूरा होगा भारत का डिजिटल सपना : आईबीएम

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नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)| डिजिटल परिवर्तन के साथ ही नई तकनीकों, जैसे- बिग डेटा, क्लाउड, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के लिए कार्यबल को तैयार करना एक कठिन कार्य बन गया है, जो भारत में सरकारों और उद्यमों की भारी मांग को पूरी कर सकता हो।

आईबीएम के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, सीधे स्कूलों और विश्वविद्यालयों से शुरुआत करने का यही सही समय है, जिससे देश के उद्यमों और स्टार्ट-अप डेवलपरों के समुदाय का कौशल बढ़ाया जा सकता है और नए कौशल सिखाएं जा सकते हैं।

2010 से 2030 के बीच भारत की कामकाजी आबादी बढ़कर 75 करोड़ होने की संभावना है।

आईबीएम/दक्षिण एशिया के कंट्री लीडर (डेवलपर इकोसिस्टम और स्टार्टअप्स) सीमा कुमार ने बताया, पर्याप्त शिक्षा और प्रशिक्षण के बिना, आबादी में इतनी बड़ी बढ़ोतरी बेरोजगारी और रोजगार की कमी को ही बढ़ाएगी। दुनिया भर में और भारत में कौशल नए धन के रूप में उभरा है।

कुमार ने कहा, हमारा मानना है कि उद्योगों को ‘ब्लू कॉलर’ नौकरियों और ‘व्हाइट कॉलर’ नौकरियों में अब बांटा नहीं जा सकता। अब ‘न्यू कॉलर’ कामकाजी समुदाय का जमाना है, जो प्रौद्योगिकी को तेजी से अपना रहा है, पारिस्थिति तंत्र भागीदारों के साथ संबंधों को गहरा बना रहा है और उस कौशल को प्राप्त कर रहा है, जिसकी ‘मांग’ है।

भविष्य के लिए टैलेंट पूल की सख्त जरूरत को भांपते हुए आईबीएम ने हाल में ही भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में तकनीकी कौशल को विकसित करने के लिए दूरसंचार क्षेत्र कौशल परिषद (टीएसएससी) के साध भागीदारी की घोषणा की है।

इस समझौते के तहत दूरसंचार क्षेत्र के लिए आवश्यक और प्रासंगिक कौशल प्रदान करने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के लिए एक कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

कुमार ने कहा, यह भागीदारी छात्रों और युवा पेशेवरों को बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, आईओटी और मोबाइल एप्लिकेशंस जैसी उभरती हुई तकनीकों में कुशल बनने का अवसर प्रदान करेगा, जिसमें दूरसंचार क्षेत्र में बड़ी संभावना है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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