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क्‍या व्‍यापमं घोटाले का सच खोज पाएगी सीबीआई?

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47 संदिग्धा मौतों, व्या पमं घोटाले, सीबीआई, सीएम शिवराज सिंह चौहान, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक जीवन में पारदर्शिता

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47 संदिग्‍ध मौतों के बाद खूनी घोटाले की उपाधि पा चुके व्‍यापमं घोटाले का सच अब शायद देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई खोजेगी। देर आए दुरूस्‍त आए की तर्ज पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में अर्जी भेज दी। हालांकि हाई कोर्ट ने यह कहकर सुनवाई से इंकार कर दिया कि इसी मामले में सीबीआई जांच के लिए अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए वह इस पर सुनवाई नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख नौ जुलाई है।

देश की राजनीति को हिला देने वाला व्‍यापमं घोटाले का सच क्‍या है? यह तो भविष्‍य के गर्त में है लेकिन मामले पर राजनीतिक रोटियां खूब सेंकी जा रही हैं। सत्‍ता पक्ष यानी भाजपा का कहना है कि विपक्ष नाहक इस मामले को तूल दे रहा है जबकि जांच के लिए एसटीएफ बनाने का काम हमने ही किया है। भाजपा का कहना है कि वह स्‍वयं चाहती है कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। शिवराज सिंह लगातार यही कहते आए हैं कि मामले के किसी भी दोषी को बख्‍शा नहीं जाएगा। लेकिन विपक्ष खासतौर से कांग्रेस इतने से संतुष्‍ट नहीं दिखती। कांग्रेस का कहना है कि शिवराज के सीएम रहते मामले की निष्‍पक्ष जांच संभव नहीं है इसलिए मुख्‍यमंत्री तत्‍काल इस्‍तीफा दें।

वैसे देखा जाय तो सीबीआई जांच की सिफारिश करने में शिवराज सिंह ने देर कर दी। उन्‍हें यह काम पहले ही कर देना चाहिए था। लोकतंत्र में जब जनता ही सर्वोपरि है तो जनता के मन में संदेह का बीज उत्‍पन्‍न होने का इंतजार शिवराज सिंह क्‍यों करते रहे? जनता ने तीसरी बार उन्‍हे पूर्ण बहुमत की सत्‍ता सौंपी है जनता की इच्‍छा की अनदेखी करना घातक सिद्ध हो सकता है और इस मामले में जनता भी चाहती थी कि सीबीआई जांच हो। शिवराज ने भी एक साक्षात्‍कार में यही माना है कि उन्‍होंने विपक्ष के दबाव में नहीं बल्कि जनइच्‍छा के चलते सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

व्‍यापमं घोटाले का सच क्‍या है? यह जानने के लिए पूरा देश बेचैन है। सक्षम एजेंसियों को चाहिए कि जल्‍द से जल्‍द इस सनसनीखेज घोटाले का पर्दाफाश कर असली अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाएं ताकि लोगों में फैल रहा भ्रम समाप्‍त हो सके और तब शायद संदिग्‍ध मौतों का सिलसिला भी बंद हो। इस समय तो मप्र में होने वाली हर मौत को एकबार व्‍यापमं से जोड़ा जा रहा है। यह स्थिति ठीक नहीं है।

राजनीतिक जीवन में पारदर्शिता बेहद जरूरी है। इसलिए शिवराज सिंह चौहान को व्‍यापमं घोटाले पर कोई बात जनता से नहीं छुपानी चाहिए जिस बात की जानकारी उन्‍हें हो उसे किसी न किसी माध्‍यम से जनता तक पहुंचाएं क्‍योंकि जनता सच जानना चाहती है और फिर पांच साल बाद उसी जनता के समक्ष तो जनादेश लेने जाना ही है।

नेशनल

जम्मू कश्मीर के बडगाम में गैर कश्मीरियों पर आतंकी हमला, दो मजदूरों को मारी गोली

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जम्मू। जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकियों ने गैर-कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाया है. घायल दो मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पिछले 30 दिनों में घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला है.

घायल मजदूरों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मजदूरों को गोली मारी जाने की घटना के बाद पूरे बडगाम इलाके में हड़कंप मच गया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं.

सूत्रों ने बताया, जम्मू और कश्मीर (जेके) के बडगाम जिले में शुक्रवार शाम आतंकवादियों की गोलीबारी में दो गैर-स्थानीय लोग घायल हो गए. दोनों घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. समय रहते इलाज कर डॉक्टरों ने घायल मजदूरों की जान बचाई. उनके प्रयासों की हर कोई सराहना कर रहा है. उन्होंने बताया कि यह घटना जिले के मगाम इलाके के पास माझामा गांव में हुई.

मिली सूचना के अनुसार, हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया. हालांकि आतंकी अभी सुरक्षा बलों की गिरफ्त से बाहर हैं. सुरक्षा बल उनकी तलाश के लिए चप्पे-चप्पे में जुटे हुए हैं. बडगाम के हर इलाके में आतंकियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.

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