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उत्तराखंड

खटीमा में पहुंची बीजेपी की परिवर्तन यात्रा

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खटीमाखटीमा |बीजेपी की परिवर्तन यात्रा सीमांत क्षेत्र खटीमा पहुँची चुकी है। यात्रा के साथ प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू,भगत दा,अजय भट्ट, प्रकाश पंत और बलराज पासी खटीमा पहुंचे। वही पौड़ी से हेलीकॉप्टर द्वारा केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और जरनल बी.सी खंडूरी ने भी परिवर्तन यात्रा में शिरकत की। रामलीला मैदान में आयोजित जनसभा में बीजेपी नेताओं ने जहां हरीश रावत सरकार पर जमकर निशाना साधा वहीं केंद्र की मोदी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल को जनता तक पहुंचाने का काम किया।

वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंच से राहुल गांधी सहित तमाम विपक्षी पार्टी को मोदी के काले धन पर किए सर्जिकल स्ट्राइक पर परेशान होने की बात कही। साथ ही हरीश रावत द्वारा उत्तराखंड में सरेआम खरीद फरोख्त और करोडो में उत्तराखंड को बेचने वाला नेता बताया। खटीमा परिवर्तन यात्रा के संयोजक स्थानीय विधायक पुष्कर धामी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार से आजिज आकर प्रदेश की जनता जिस तरह बीजेपी की परिवर्तन यात्रा में उमड़ रही है। ये साफ संकेत है कि 2017 चुनाव में सूबे की जनता बड़ा परिवर्तन कर बीजेपी को लाने जा रही है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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