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मुख्य समाचार

खनिज क्षेत्र देश का आधार : चौधरी बीरेंद्र

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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि खान व खनिज क्षेत्र देश का आधार है तथा आर्थिक प्रगति को गति देता है। उत्पादन से पहले और उत्पादन के बाद के कार्यो से यह देश में रोजगार सृजकों में से एक है। एनएमडीसी द्वारा आयोजित ‘खनिज तथा धातुओं पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘परिदृश्‍य-2030’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह क्षेत्र वैश्विक वातावरण में प्रगति की बहुत बड़ी संभावनाएं पैदा करता है तथा वह नीति निर्माण के लिए सम्मेलन से प्राप्त होने वाली संस्तुतियों की प्रतीक्षा करेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा, “यह सम्मेलन समयानुकूल है तथा भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय इस्पात नीति-2030 में निर्धारित किए गए विजन के अनुरूप है। इस सम्मेलन से संपूर्ण क्षेत्र में सूचना तथा विशेषज्ञता के आदान-प्रदान में सहायता मिलेगी।”

दो दिन के इस सम्मेलन में 16 देशों के 500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं तथा 30 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय वक्ता इसको संबोधित कर रहे हैं। सम्मेलन घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय, दोनों ही क्षेत्रों में मौजूदा तथा संभावित धातु उत्पादकों एवं खनिकों को परस्पर लाभकारी संबंध बनाने के लिए विचार-विमर्श, योजना बनाने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।

इस अवसर पर एनएमडीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एन. बैजेंद्र कुमार ने कहा, “खनिजों तथा धातुओं पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन स्थानीय तथा अंतर्राष्ट्रीय धातु उत्पादकों तथा खनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। एनएमडीसी ने इस सम्मेलन की परिकल्पना इस उद्देश्य के साथ की है कि उद्योग में एक महत्वपूर्ण भागीदार होने के कारण वह अपने मौजूदा ज्ञान का आदान-प्रदान कर सके। इस सम्मेलन से भारत को अंतर्राष्ट्रीय खनन तथा धातुओं के परिवेश में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के अतिरिक्त विभिन्न देशों के साथ नई साझेदारी तथा व्यापार संबंध बनाने में भी मदद मिलेगी।”

बैजेंद्र कुमार ने उद्घाटन सत्र में कहा, “इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से न केवल खनिज तथा धातु क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, बल्कि इससे भारत की राष्ट्रीय इस्पात नीति-2030 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सभी स्टेक होल्डर्स को संगठित किया जा सकेगा। इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, जिनका पूर्ण रूप से दोहन अभी तक नहीं किया जा सका है।”

दो दिनों के इस सम्मेलन में समापन समारोह के मुख्य अतिथि इस्पात राज्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे। सत्र को सज्जन जिंदल, डॉ. एडविन वस्सन, नवीन जिंदल, जतिंदर मेहरा और कई भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय सीईओ और कंट्री लीडर संबोधित करेंगे।

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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