लाइफ स्टाइल
‘खास दिन’ खूबसूरत दिखने के आसान उपाय
नई दिल्ली | हर महिला अपने जीवन के खास दिन सब के आकर्षण का केंद्र बनना चाहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पोषक फलों, सब्जियों के सेवन के साथ ही रोज छह से आठ घंटे जरूर सोना चाहिए। ‘टीबीसी बाई नेचर’ की प्रबंध निदेशक और सौंदर्य विशेषज्ञ मोनिका सूद के सुझावों पर अमल करके आप भी शादियों के इस सीजन में आसानी से खूबसूरत नजर आ सकती हैं :
* चेहरे पर काले धब्बे और थकी नजर आने वाली आंखों से बचने के लिए पर्याप्त नींद जरूर लें। पर्याप्त नींद आपके हार्मोस को भी संतुलित करता है। रोजाना 12-15 गिलास पानी जरूर पीएं।
* त्वचा की परेशानियों से बचने के लिए विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें। यह आपकी त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत भी करता है। आपको विटामिन सी से भरपूर पपीता, कीवी, अमरूद आदि खाना चाहिए।
* सर्दियों में केसर युक्त फेशवॉस का इस्तेमाल करें। गुलाब जल, शहद, हल्दी चंदन का पेस्ट लगाकर चेहरा साफ करें।
* घर पर बने फेस पैक प्राकृतिक तरीके से आपकी त्वचा में चमक व सौम्यता लाते हैं। तेज धूप में त्वचा का रंग काला पड़ जाना या धब्बे आदि पड़ जाने पर तुलसी की पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ा गुलाबजल, दो छोटा चम्मच पिसी चीनी और एक छोटा चम्मच नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट लगाएं रखने के बाद इसे धो लें।
* होने वाली दुल्हन के चेहरे पर चमक लाने के लिए गुलाब की पंखुड़ियों का फेस पैक कारगर उपाय है। अगर तैलीय त्वचा है तो पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ा दूध मिलाएं और अगर रूखी त्वचा है तो थोड़ा दूध का क्रीम मिलाकर 20 मिनट तक लगाएं, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
* अधिकांश होने वाली दुल्हनें सिर्फ अपने चेहरे के रंग को साफ करने पर ही ध्यान देती हैं और कोहनी की सूखी मृत त्वचा को हटाने की ओर ध्यान नहीं देतीं। कोहनी साफ करने के लिए नमक और नींबू का रस मिलाकर कुछ सप्ताह लगाएं। इसके चमत्कारी परिणाम देखने को मिलेंगे।
लाइफ स्टाइल
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?
हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।
शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?
हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।
क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।
गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।
इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।
डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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