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अन्तर्राष्ट्रीय

खुले आसमान के नीचे दयनीय हालत में समय बिता रहे काठमांडूवासी

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गौरव शर्मा

काठमांडू। काठमांडू में भूकंप पीड़ितों की रातें बेहद दयनीय हालत में बीत रही हैं, जब उन्हें जर्जर छोटे शामियाने में गुजर-बसर करना पड़ रहा है। ये सब भूकंप बाद के झटकों से भयभीत हैं और आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों से नाराज हैं।

संवाददाता ने बेतरतीब तरीके से फैले तुंडी खेल इलाके का दौरा किया, जहां उन्होंने विभिन्न रंगों के कई शामियाने देखे और मंगलवार रात भूकंप से बच निकले लोगों के साथ रात बिताई। बारिश के कारण जमीन गीली हो गई है और खराब मौसम ने भूकंप से बच निकले लोगों के लिए समस्या खड़ी कर दी है। मीरा तमांग (50) ने बताया, “किराए पर लिए गए हमारे मकान में दरार पड़ गई है। हम उसमें वापस जाने से डर रहे हैं।”

श्रमिक तमांग एक छोटे शामियाने में रह रही हैं, जिसमें उनके साथ परिवार के सात अन्य सदस्य भी हैं। सबसे छोटे सदस्य की उम्र डेढ़ साल है। रात 11 बजे तापमान में तेजी से गिरावट आई। तमांग परिवार ने ठंड से बचने के लिए शामियाने के अंदर ईंट बिछाई और फिर उसके ऊपर चटाई फैलाई। उनकी बहू आधे किलोग्राम मसूर दाल खरीदने गई, जिसके लिए उन्हें 100 रुपये चुकाने पड़े। तमांग ने कहा कि यह कीमत बहुत ज्यादा है।

आधी रात का वक्त है और सारू (45) और उनकी दो बेटियां सोने जा रही हैं। सारू एक अनाथालय में स्वयंसेवी हैं और उनकी छोटी बेटी 12वीं कक्षा की छात्रा हैं। उन्होंने बताया, “कल हमने कच्चा चाउ-चाउ खाया। हमने कुछ बिस्किट भी खाए। हमारे घर पर अनाज रखा हुआ है, लेकिन यह तीसरी मंजिल पर है और सीढ़ियां टूट गई हैं। हम अपने घर नहीं पहुंच सकते।” सारू ने बताया कि सरकार की तरफ से मदद नहीं मिल रही। उन्होंने कहा, “लेकिन मारवाड़ी समाज ने हमारी मदद की है।”

अब आधी रात के करीब दो बज गए हैं और इंजीनियरिंग के छात्र मिथिलेश शर्मा (22) कंपकपाती ठंड में जगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को जापान, जर्मनी और भारत से मदद मिली है और उम्मीद है कि जल्द स्थिति सामान्य होगी। शमियाने में अधिकांश लोगों के लिए सोना असहज था। कुछ दूरी पर किसी के बातचीत की आवाज आ रही थी, वहीं युवाओं का समूह अपने जज्बे को बरकरार रखने के लिए गाना गा रहा था।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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