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खोई जमीन वापस पाने की मुहिम
करीब दो महीने की छुट्टी के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नई ऊर्जा के साथ सक्रिय राजनीति में लौट चुके हैं। किसान रैली में राहुल का भाषण जरूर अपने लक्ष्य से भटका रहा लेकिन अगले ही दिन लोकसभा में जमीन अध्यादेश को लेकर उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर करारा हमला किया। उन्होंने न केवल भाजपा को अमीरों व सूट-बूट वाली सरकार बताया बल्कि कई बार नरेंद्र मोदी को “आपके पीएम” कहकर संबोधित किया। 16वीं लोकसभा में राहुल गांधी पहली बार बोल रहे थे और कुल मिलाकर वह खुद की और कांग्रेस की खोई जमीन को एक बार फिर वापस पाने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान कई बार भाजपा सांसदों ने उन पर तंज भी कसे लेकिन राहुल ने बखूबी उनका जवाब दिया।
राहुल के ये प्रयास जितना उनको राजनीति में फिर से स्थापित करेंगे, उतना ही कांग्रेस के लिए बेहतर होगा। हालांकि राहुल की इस वापसी की पटकथा खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तैयार की है। राहुल के अज्ञातवास के दौरान सोनिया पूरी तरह उनकी ढाल बनी रहीं और इस दौरान उन्होंने कई प्रदेशों का दौरा कर किसानों से मुलाकात भी की। साफ था कि सोनिया ने दूरदृष्टि से काम लिया और रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली रैली में राहुल की रीलॉन्चिंग के लिए पुख्ता जमीन तैयार कर दी।
वैसे जमीन अध्यादेश के रूप में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के हाथ एक बड़ा मुद्दा लग गया है। फिर बैमौसम बरसात से हुई फसलों की बर्बादी ने कांग्रेस को एक मौका और दे दिया कि वह आम जनमानस में अपना जनाधार फिर से बना सके। हालांकि राहुल या सोनिया की इस कवायद को अमली जामा तभी पहनाया जा सकेगा जब कांग्रेस की प्रदेश इकाइयां भी पूरा दमखम लगाकर उनका साथ देंगी। बूथ स्तर पर भी पार्टी को मजबूत करना पड़ेगा। केंद्र की राजनीति के साथ राज्यों के चुनाव में भी कांग्रेस को पूरी दमखम लगाना पड़ेगा। साथ ही कई क्षेत्रीय दलों को भी अपने साथ लाना होगा। राहुल की सर्वस्वीकार्यता बढ़ाकर ही कांग्रेस अपना भविष्य सुधार सकती है और इसके लिए उसे शहरी मध्यम वर्ग में भी पकड़ बनानी होगी। ये भी जरूरी है कि किसानों की बात उठाने वाले राहुल गांधी ये लड़ाई अधूरी न छोड़ें और उसे अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश करें। पार्टी को न केवल पुराने मुद्दों और उनसे जुड़े लोगों में अपनी पकड़ बनानी होगी बल्कि नए मुद्दों को भी जोरशोर से तलाशना होगा।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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