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नेशनल

गडकरी के इस्तीफे की मांग पर राज्यसभा में हंगामा

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नई दिल्ली | केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग को लेकर शुक्रवार को राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस के नेतृतव में विपक्षी सदस्यों ने गडकरी की कंपनी में कथित अनियमितता पर उनसे इस्तीफे की मांग की। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी एक रपट में गडकरी का नाम पुर्ति सखर कारखाना लिमिटेड के एक प्रमोटर या निदेशक के रूप में लिया है, जिसे नियमों का उल्लंघन करते हुए इंडियन रिन्युबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी ने 84.12 करोड़ रुपये ऋण दिया था।

यह मुद्दा शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सांसद शांताराम नाईक ने उठाया और कहा कि गडकरी को इस्तीफा दे देना चाहिए। नाईक ने कहा, “विपक्षी दल समय समय पर हमारे मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करते रहे हैं, अब नितिन गडकरी को इस्तीफा देना चाहिए।” कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार इस मुद्दे के लिए जवाबदेह है। शर्मा ने कहा, “यह गंभीर मुद्दा है। मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी जब विपक्ष में थी, तो वे कार्रवाई करने तक सदन को नहीं चलने देती थी। मैं विपक्ष की तरफ से कह रहा हूं कि यह मुद्दा सिर्फ शून्यकाल में सीमित नहीं रह सकता, इसे लेकर जवाबदेही होनी चाहिए।” इसके बाद कांग्रेस सदस्य इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह आरोप आधारहीन है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस असमंजस में फंसी पार्टी बन गई है। ये आरोप आधारहीन हैं।” इस हंगामे के बीच उपसभापति पी.जे.कुरियन ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजादी ने दोबारा मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा, “यह किसी सदस्य के खिलाफ आरोप का सवाल नहीं है, यह कैग की रपट है। कैग की रपट के आधार पर पहले भी शीर्षस्थ लोगों को हटाया गया है। भाजपा सरकार सदन के बाहर और अंदर पारदर्शिता और भ्रष्टाचार की बात करती है। यह संप्रग सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की भी बात करती है। यहां एक मंत्री के खिलाफ साबित हो चुका मामला है, जिन्हें इसके पहले इसी कारण से भाजपा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पार्टी कह सकती है कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया..। उन्हें मामले में निरुद्ध किया गया है लिहाजा वह एक दिन भी मंत्री नहीं रह सकते।” सभापति के अनुरोध के बावजूद हंगामा जारी रहा, जिसके बाद प्रश्नकाल से पहले सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल के दौरान भी यह स्थिति जारी रही, और सभापति एम.हामिद अंसारी ने कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए, फिर 15 मिनट और फिर अंतत: अपराह्न 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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